Times expose- करोड़ों के फर्जी बिलिंग घोटाले के लिए इस तरह के फर्जी बिल का इस्तेमाल किया जाता है

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जालंधर, 22 अप्रैल  2022  :  तस्वीर में दिख रहा यह बिल एक फर्म का साधारण बिल लगता है, लेकिन हकीकत में यह फर्जी बिल है, जिसे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया है।

यह न केवल फर्जी बिल है बल्कि हजारों ऐसे बिल पेश किए गए हैं जिनके जरिए नौकरशाहों और उद्योगपतियों के गठजोड़ ने सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाकर पैसा अपनी जेब में डाल लिया है। तथ्य के रूप में इस तरह के भूत बिल एक कृत्रिम अर्थव्यवस्था का एक हिस्सा हैं जो कहीं मौजूद नहीं है, लेकिन नौकरशाहों और फर्म मालिकों दोनों को लाभान्वित कर रहा है जिन्होंने इस बहु करोड़ नकली बिल घोटालों में भारी लाभ अर्जित किया है। टाइम्स पंजाब के पास ऐसे सैकड़ों बिल हैं, जिनकी कोई वैधता नहीं है, लेकिन जिन पर करोड़ों रुपये का लेन-देन किया गया है।

उच्च स्तरीय सूत्रों ने खुलासा किया कि बनते कर (केंद्र और राज्य दोनों) का भुगतान करने के बजाय अधिकारियों और फर्म मालिकों के गठजोड़ ने इन फंडों को अपनी जेब में डाल दिया, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ। अधिकारियों और फर्म मालिकों दोनों ने इस पैसे को अवैध रूप से लेकिन एक मास्टर माइंड रणनीति बनाने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया है। हालांकि अधिकांश फर्म मालिक कर अधिकारियों के रडार पर हैं, लेकिन अधिकारी उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय अवैध रूप से पैसा कमाने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं।

शुद्ध परिणाम यह है कि सरकार को नुकसान हो रहा है जबकि ये व्यक्ति अवैध रूप से धन का खनन कर रहे हैं। टाइम्स पंजाब के पास मौजूद दस्तावेजों से साफ पता चलता है कि यह करोड़ों का यह घोटाला केवल कर अधिकारियों की प्रत्यक्ष भागीदारी के साथ हुआ है, जो ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के बजाय अपराधी फर्मों के भागीदार बन गए हैं ताकि उन्हें उदारता का विस्तार किया जा सके और फिर अपना खुद का हिस्सा लिया जा सके। यूँ तो कर अधिकारी जनता के पैसे की खुली लूट पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन वे स्वीकार करते हैं कि इस तरह के घोटाले की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

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