गांवों के विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा ज़मीनी स्तर पर लोगों से संवाद की मुहिम जारी

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– प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए फंड की कोई कमी नहीं: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान

– पंजाब सरकार प्रदेश के लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए लगातार प्रयासरत: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान

– मनरेगा का केवल नाम बदलने से ज़मीनी स्तर पर कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान

– सभी को 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज देने के लिए मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना जल्द लागू होगी: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान

– नई तकनीक के शौक में अपना असली काम भूल चुका है अकाली दल: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान

(Rajinder Kumar) संगरूर, 22 दिसंबर 2025: गांवों के विकास को प्रोत्साहन देने के लिए ज़मीनी स्तर पर लोगों से बातचीत की अपनी मुहिम को जारी रखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत सिंह मान ने आज यहां कहा कि इस पहल का उद्देश्य गांवों के लिए शहरों के समान विश्व स्तरीय नागरिक सुविधाएं सुनिश्चित करना है।

तालियों की गूंज के बीच लोगों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि गांवों का समग्र विकास समय की आवश्यकता है, ताकि प्रदेश के सर्वांगीण विकास को और गति दी जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले ही जनकल्याण सुनिश्चित करने और गांवों के विकास को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि यह व्यापक कार्य आम लोगों के सक्रिय समर्थन और सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकता।

लोगों के साथ भावनात्मक जुड़ाव स्थापित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों और उनके चुने हुए प्रतिनिधियों को राज्य में चल रहे विकास कार्यों की नियमित रूप से निगरानी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होगा। उन्होंने लोगों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि गांवों के विकास को गति देने के लिए राज्य सरकार के ठोस प्रयासों में उनका पूरा सहयोग बना रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बड़ी आबादी गांवों में रहती है, इसलिए राज्य सरकार गांवों के व्यापक विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि पंजाब सरकार गांवों के लोगों की सुविधा के लिए उन्हें शहरों के बराबर सुविधाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है और इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियों का एकमात्र उद्देश्य प्रदेश और विशेषकर गांवों में चल रहे विकास को और तेज़ करने के लिए एक रोडमैप तैयार करना है।

ग्रामीण क्षेत्रों के व्यापक विकास पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए पहले ही कई परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। उन्होंने विकास की गति को और तेज़ करने के लिए ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने हेतु आम लोगों से सहयोग की अपील की।

इसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार के पास पंजाब के विकास के लिए फंड की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि कूड़े के ढेर, स्ट्रीट लाइटों, सीवरेज से जुड़ी समस्याओं सहित अन्य सभी मुद्दों का शीघ्र समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में पूरे प्रदेश में अभूतपूर्व विकास हुआ है और उनकी सरकार ने कभी भी फंड की कमी को लेकर कोई शिकायत नहीं की। पिछली सरकारों के विपरीत, जिन्होंने प्रदेश को कर्ज़ के जाल में फंसा दिया था, उनकी सरकार काम के साथ-साथ कर्ज़ उतारने में भी विश्वास रखती है।

इस संदर्भ में विभिन्न उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बिजली बोर्ड को घाटे से बाहर निकाला, चीनी मिलों, मार्कफेड और अन्य संस्थानों के कर्ज़ चुकाए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार कई पुराने कर्ज़ों का भी उचित प्रबंधन कर रही है, ताकि किसी भी नए विकास प्रोजेक्ट को रोके बिना पुरानी देनदारियों का निपटारा किया जा सके। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने युवाओं को 58,000 से अधिक नौकरियां दी हैं, स्कूलों की नई इमारतों का निर्माण किया है और 43,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है, जो केवल सरकार द्वारा खर्चों के विवेकपूर्ण वित्तीय प्रबंधन से ही संभव हो पाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पंजाब के लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले कभी यह खबर नहीं सुनी गई थी कि प्रदेश के विद्यार्थी पायलट बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार ने विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से सात विमान खरीदे हैं, ताकि वे उच्च पदों तक पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि सपने देखने का अधिकार सभी को है, न कि केवल अमीर वर्ग को, इसलिए सरकार द्वारा केवल अमीरों को ही नहीं बल्कि आम लोगों को भी लाभ प्रदान किए जा रहे हैं।

नव-निर्वाचित जिला परिषद और ब्लॉक समिति सदस्यों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव केवल 10–15 दिनों के लिए होते हैं, लेकिन एक बार चुने जाने के बाद ये प्रतिनिधि सभी पार्टियों के लोगों के कल्याण के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा कि चुने हुए सदस्य उन लोगों का भी प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्होंने उन्हें वोट नहीं दिया, इसलिए यह उनका कर्तव्य है कि वे मिशनरी भावना के साथ सभी की सेवा करें। उन्होंने कहा कि सभी के कल्याण के लिए कार्य किए जाने चाहिए, ताकि पंजाब को और ऊंचाइयों तक ले जाया जा सके और हर क्षेत्र में अग्रणी बनाया जा सके।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के खतरे से निपटने के लिए ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है, जिसके कारण कई सुधार किए गए हैं। संपत्ति पंजीकरण का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अब यह प्रक्रिया बहुत सरल हो गई है। उन्होंने कहा कि लोगों को इंतकाल या डीड वेरिफिकेशन के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते क्योंकि ये सेवाएं अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को केवल फोटो के लिए सब-रजिस्ट्रार कार्यालय जाना पड़ता है और 15–20 मिनट के भीतर पंजीकरण हो जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कई सेवाएं ऑनलाइन प्रदान की जा रही हैं, जिससे भ्रष्टाचार के मामलों में काफी कमी आई है और लोगों को आरटीओ दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। वे अपने लाइसेंस ऑनलाइन नवीनीकरण या अपग्रेड कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के संरक्षण के कारण भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहरी हो गई थीं, लेकिन राज्य सरकार इन जड़ों को उखाड़ने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कुछ भी रातों-रात खत्म नहीं होता, लेकिन पंजाब को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए सरकार पूरी कोशिश कर रही है।

हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा का नाम बदलने को लेकर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि नाम बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि नाम बदलने से गरीबों का पेट नहीं भरता, बल्कि दिहाड़ी मजदूर केवल इस बात की परवाह करते हैं कि उन्हें काम मिलता रहे ताकि वे अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें। उन्होंने आगे कहा कि जब इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज रखा गया या जब सराय काले खां स्टेशन का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय नगर रखा गया, तब भी लोगों के हित में शायद ही कोई बदलाव देखने को मिला हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि नाम बदलने के बाद भी इन शहरों में सफाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हमें शुक्रगुज़ार होना चाहिए कि शहरों के नाम बदलने वालों ने अभी तक देश का नाम नहीं बदला। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेता आज भी नामों पर बहस में उलझे हुए हैं, जबकि मौजूदा सरकार का ध्यान असली कामों और मुद्दों पर है।

केंद्र सरकार द्वारा राज्य के फंड जारी न करने की कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने गैर-कानूनी तरीके से फंड पर रोक लगा दी है, जिससे राज्यों पर अनावश्यक बोझ पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह अनुचित और अनावश्यक है क्योंकि यह देश में संघवाद की मूल भावना के विरुद्ध है। पंजाब सरकार पंजाब और पंजाबियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य के प्रति केंद्र के सौतेले रवैये का कड़ा विरोध किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना शुरू करने जा रही है, जो प्रदेश के 65 लाख परिवारों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लोग राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों में 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा आम जनता के कल्याण के लिए आगामी बजट सत्र में कई और जन-हितैषी योजनाएं पेश की जाएंगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इस नेक कार्य के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

शिरोमणि अकाली दल द्वारा एआई तकनीक के माध्यम से लोगों को गुमराह करने की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि नई तकनीक के इस शौक के कारण वे अपने असली कार्यों से भटक गए हैं। उन्होंने कहा कि ‘आप’ देशभर में अपने पैर पसार रही है, जबकि इसके विपरीत अकाली दल राज्य के कुछ हिस्सों में केवल दो या तीन सीटें ही हासिल कर सका है। उन्होंने कहा कि अपनी जन-हितैषी और विकासोन्मुख नीतियों के कारण ‘आप’ को समाज के हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है।

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