चंडीगढ़ (28 सितंबर): पंजाब के शिक्षा क्षेत्र में मुख्यमंत्री स. भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार ने बड़ी सफलताएँ प्राप्त की हैं। शिक्षा के क्षेत्र में पंजाब को अग्रणी प्रदेश बनाने के लिए हर दिन करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, ताकि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी जा सके। सरकारी स्कूलों की स्थिति बदलने के सपने के साथ आगे बढ़ रहे मुख्यमंत्री स्वयं इस क्रांतिकारी दिशा की प्रभावी अगुवाई कर रहे हैं।
वास्तव में, इस समय शिक्षा क्षेत्र में बढ़ते व्यावसायीकरण ने आम लोगों से उनके बच्चों को सस्ती और गुणवत्ता वाली शिक्षा देने का सपना छीन लिया था। इस बीच, सरकारी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले मुख्यमंत्री मान ने इस टूटते सपने के बीच प्रदेशवासियों के लिए आशा की किरण प्रदान की। अब तक प्रदेश में 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस बड़े ही शान से चल रहे हैं और अगले सत्र की शुरुआत तक इन स्कूलों की संख्या को दोगुना करने का संकल्प है।
शिक्षा क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने हर माता-पिता के सामने बच्चों के भविष्य के लिए बड़ी चुनौती पेश की है। सीमित संसाधनों के बीच, भगवंत मान सरकार ने माता-पिता के साझा सपनों को पूरा करने के लिए शिक्षा क्षेत्र में स्कूल ऑफ एमिनेंस जैसी क्रांति लाकर पंजाब को शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में अग्रणी स्थान पर ला खड़ा किया है, जिसकी प्रत्यक्ष उदाहरण पिछले साल सरकारी स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया में वृद्धि के रूप में देखा गया।
इस सफल संकल्प को शुरुआती दौर में पंजाबवासी खूब सराह रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री मान इस प्रारंभिक संकल्प को तक़दीर बदलने वाला सफल कार्य बनाने के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं, ताकि टूटते हुए आशाओं के बीच अपने बच्चों के लिए शिक्षा रूपी मोती हमेशा जुड़े रहें।