डाक्टरी शिक्षा और अनुसंधान का स्तर ऊँचा उठाना राज्य सरकार का लक्ष्य : डा. राज कुमार वेरका
चंडीगढ़, 26 अक्टूबर 2021 : डाक्टरी शिक्षा और अनुसंधान का स्तर ऊँचा उठाने के लिए राज्य सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान मंत्री डा. राज कुमार वेरका ने कहा है कि पटियाला सरकारी मैडीकल कालेज और अस्पताल का कायाकल्प करने के लिए 219 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट लागू किये जा रहे हैं। इन प्रोजैक्टों के पूरी तरह लागू होने से मालवा इलाके के लोगों को इलाज के लिए और भी बढ़िया सहूलतें प्राप्त होने लग पड़ेंगी।
डा. वेरका के अनुसार सरकारी मैडीकल कालेज और रजिन्दरा अस्पताल पटियाला में इस समय 93.73 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट चल रहे हैं। इनमें से एम.सी.एच. बिल्डिंग वर्कस (6.66 करोड़ रुपए), डैंटल ब्लाक-सी (5.46 करोड़ रुपए), इलैक्ट्रिकल वर्कस (3.85 करोड़ रुपए), लिफटस (1.32 करोड़ रुपए) और बहु मंज़ली पार्किंग (12.12 करोड़ रुपए) प्रोजैक्ट पूरी तरह मुकम्मल हो गए हैं जबकि नरसिंग होस्टल, वार्डों के नवीनीकरण, इंस्टीट्यूट की नयी बिल्डिंग, मैडीकल कालेज का नवीनीकरण, टी.बी. अस्पताल का नवीनीकरण, आयुर्वैदिक इलैक्टीकल, आयुर्वैदिक अस्पताल का नवीनीकरण, आयुर्वैदिक कालेज का नवीनीकरन और पब्लिक हैल्थ वर्कस के प्रोजैक्ट चल रहे हैं। यह 64.22 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट इसी साल दिसंबर तक मुकम्मल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
डा. वेरका ने बताया कि उपरोक्त प्रोजैक्टों के अलावा सरकारी मैडीकल कालेज और रजिन्दरा अस्पताल पटियाला के लिए 128.1 करोड़ रुपए के और प्रोजेक्टों की भी व्यवस्था की गई है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण प्रोजैक्ट एमरजैंसी /ट्रौमा सैंटर का निर्माण है जो 42.08 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जा रहा है। यह प्रोजैक्ट दिसंबर 2022 तक बन कर तैयार हो जायेगा। इसके इलावा एस.टी.पी. /सी.टी.पी. प्रोजैक्ट, ग्रुप सी और डी के लिए बहुमंज़ीला मकान, स्पोर्टस कंपलैक्स, आर.एच.टी.सी. भादसों में नया होस्टल, कैंपस में सी.सी.टी.वी., ए.सी. एमरजैंसी ब्लाक, सैंट्रल लैब, मशीनरी और डाक्टरों के होस्टल की मुरम्मत से सबंधित प्रोजैक्ट शामिल हैं। 86.02 करोड़ रुपए के इन प्रोजेक्टों में से बहुत से प्रोजैक्ट 2022 तक मुकम्मल हो जाएंगे जबकि सैंट्रल लैब और स्पोर्टस कंपलैक्स का निर्माण मार्च 2023 तक पूरा होगा।
डा. वेरका ने कहा कि उनका लक्ष्य राज्य में डाक्टरी शिक्षा और अनुसंधान का स्तर ऊँचा उठाना है जिससे लोगों को इलाज की बढ़िया सहूलतें मिलने के साथ साथ डाक्टरी शिक्षा के मानक में भी और सुधार लाया जा सके।