मान सरकार की एक और बड़ी पहल : 1 अप्रैल, 2022 से राज्य भर के किसानों को डिजिटल जे-फॉर्म मुहैया करवाए जाएंगे

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–  उद्देश्य; पारदर्शिता और किसानों के सशक्तिकरण को सुनिश्चित बनाना

–  9 लाख से अधिक पंजीकृत किसानों को इस किसान हितैषी निर्णय से लाभ होगा

चंडीगढ़, 31   मार्च   2022  :   पारदर्शिता और किसानों के सशक्तिकरण को सुनिश्चित बनाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य भर के किसानों को 1 अप्रैल, 2022 से डिजिटल जे-फॉर्म उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है।

पंजाब मंडी बोर्ड (पी.एम.बी.) की इस नई पहल की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इस निर्णय से 9 लाख से अधिक पंजीकृत किसानों को फ़ायदा होगा, जिससे उनको मंडियों में बेची जाने वाली कृषि उपजों के लिए जे-फॉर्म आढतियों और खरीददारों द्वारा सिस्टम पर बिक्री की पुष्टी के उपरांत डिजिटल रूप से साथ की साथ उनके वाट्सऐप खाते पर मुहैया किए जाएंगे।

इस किसान हितैषी प्रयास को एक६ ऐतिहासिक निर्णय करार देते हुए भगवंत मान ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य राज्य के किसानों को सिस्टम द्वारा तैयार प्रामाणिक डिजिटल जे-फार्म साथ की साथ मुहैया करना है, जो इसको पीएमबी की वैबसाईट https://emandikaran-pb.in , आढ़तिए की लॉगइन आई.डी. और डिजीलॉकर से, भारत सरकार के डिजिटल दस्तावेज़ वैलेट से भी डाउनलोड कर सकते हैं।

गौरतलब है कि जे-फॉर्म मंडियों में किसानों की कृषि उपज की बिक्री की रसीद है और पहले आढतियों द्वारा हाथों से जारी किया जाता था। रबी और खरीफ की फ़सल के मंडीकरण सीजन 2021-22 के दौरान ई-जे-फॉर्म (केवल न्युनतम समर्थन मूल्य पर खऱीदे गए धान और गेहूँ के लिए) जारी करके पंजाब मंडी बोर्ड देश भर में अग्रणी है।

मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार न्युनतम समर्थन मूल्य पर खऱीदे गए धान और गेहूँ के लिए यह डिजिटल जे-फॉर्म हर समय पर उपलब्ध होंगे। प्रामाणिकता को सुनिश्चित बनाने के लिए, डिजिटल जे-फॉर्म क्यू.आर कोड, वॉटरमार्क और यूनीक नंबर के साथ आता है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि डिजीलॉकर में जे-फॉर्म कानूनी रूप से 8 फरवरी, 2017 को जी.एस.आर 711 (ई) द्वारा अधिसूचित किए गए सूचना प्रौद्यौगिकी के नियम 9 ए (डिजिटल लॉकर सुविधाएं प्रदान करने वाले मध्यस्थों द्वारा जानकारी के रख-रखाव) नियम, 2016 के अनुसार मूल दस्तावेज़ों के बराबर हैं और इनका प्रयोग वित्तीय संस्थाओं, आमदनी कर छूट, सब्सिडी के दावों, किसान बीमा आदि से वित्त जुटाने के लिए किया जा सकता है और इनको ऑनलाईन सत्यापित किया जा सकता है।

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