तृप्त बाजवा ने नवनिर्वाचित 14 मत्स्य पालन अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे
जलजमाव से प्रभावित इलाकों में झींगा मछली पालन को प्र्रोत्साहित करने पर दिया जा रहा है ज़ोर
चंडीगढ़, 14 दिसंबर 2021 : स. तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा, पशु पालन, मत्स्य पालन और डेयरी विकास विभाग, पंजाब ने आज यहाँ नवनिर्वाचित 14 मत्स्य पालन अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे।
इस मौके पर उन्होंने नवनिर्वाचित मत्स्य पालन अधिकारियों को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ विभाग में अपनी सेवाओं को निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा युवाओं को रोजग़ार प्रदान करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
मंत्री ने इस मौके पर बताया कि माननीय मुख्यमंत्री साहिब जी के नेतृत्व अधीन मत्स्य पालन विभाग किसानों के कल्याण के लिए बहुत बढिय़ा काम कर रहा है। पिछले पाँच वर्षों के दौरान जलजमाव और खारे पानी से प्रभावित इलाकों में किसानों की आमदन में वृद्धि करने के लिए काफ़ी प्रयास किए जा रहे हैं। इन इलाकों में झींगा पालन को ख़ास तौर पर प्रफुल्लित किया जा रहा है। जिससे किसान 1 एकड़ क्षेत्रफल में से 3 लाख रूपए की शद्ध आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष 850 एकड़ झींगा पालन के अधीन लाया गया है। आने वाले 5 वर्षों के दौरान झींगा पालन को 5000 एकड़ क्षेत्रफल में प्रफुल्लित किया जाएगा। झींगा पालन के विकास के लिए सरकार द्वारा गाँव ईनाखेड़ा, ब्लॉक मलोट जि़ला श्री मुक्तसर साहिब में एक ट्रेनिंग-कम-डैमोस्ट्रेशन यूनिट स्थापित करवाया गया है। इस सैंटर में झींगा किसानों को मुफ़्त प्रशिक्षण और मिट्टी एवं पानी की जाँच की सुविधा प्रदान की जा रही है।
स. बाजवा ने बताया कि बढिय़ा किस्म का मछली पूंग रियायती दरों पर किसानों को प्रदान करने के लिए एक नया सरकारी मछली पूंग फार्म गाँव अलीशेर खुर्द, जि़ला मानसा में स्थापित किया गया है। इसी तजऱ् पर एक नया सरकारी मछली पूंग फार्म गाँव किलावली, जि़ला फाजिल्का में स्थापित करवाया जा रहा है, यह मछली पूंग फार्म आने वाले वर्ष 2022 में लोगों को समर्पित कर दिया जाएगा।
सरकार द्वारा पी.एम.एम.एस.वाई. स्कीम के अधीन 45.82 करोड़ रुपए के विभिन्न प्रोजैक्ट मछली पालन सैक्टर के अधीन स्थापित करवाए जा रहे हैं। जिससे राज्य में मछली पालन को काफी बढ़ावा मिलेगा। मछली की बढिय़ा मंडीकरण के लिए 1 और नई थोक-सह-खुदरा मछली मार्केट पटियाला में स्थापित की जा रही है। मछली किसानों को मिट्टी के विश£ेषण सुविधा प्रदान करवाने के लिए 6 अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित करवाई गई हैं।
उन्होंने आगे बताया कि रोजग़ार के अवसर पैदा करने के लिए पंजाब में पहली बार मछली की ढुलाई के लिए ट्रांसपोर्ट व्हीकल जैसे कि साइकिल, मोटर-साइकिल,ऑटो रिक्शा, इन्सुलेटेड और रेफ्रिजरेटर वाहन सब्सिडी और युवाओं को मुहैया करवाई जा रही हैं। इसके अलावा मछली पालन की उन्नत तकनीकें जैसे कि री-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) और बायो-फ्लोक तकनीक को पंजाब में लाया गया है। इन तकनीकों की मदद से बहुत कम क्षेत्रफल में मछली उत्पादन किया जा सकता है। इन तकनीकों को अपनाने के लिए सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।