होशियारपुर, 19 अक्टूबर 2021 : जिला मजिस्ट्रेट-कम-डिप्टी कमिश्नर अपनीत रियात ने माननीय सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया के निर्देशानुसार जिले में ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए फौजदारी संहिता 1973(1973 एक्ट नंबर 2) की धारा 144 के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी किए हैं। जारी आदेश में उन्होंने रात के 10 बजे के बाद डी.जे चलाने, कोई भी ध्वनि शोर करने वाले यंत्रों, संगीत वाले, किसी तरह के अन्य ध्वनि प्रदूषण, शोर, धमक पैदा करने वाले व किसी भी तरह के पटाखों व आतिशबाजी चलाने पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है।
यह पाबंदी केवल रंग पैदा करने वाले पटाखों व फुलझडिय़ों पर लागू नहीं होगी। उन्होंने एक्सियन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व पुलिस को हिदायत दी है कि वे इन आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन करने के संबंध में एफ.आई.आर. दर्ज करें और रात के 10 बजे के बाद फील्ड में चैकिंग कर आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि जिस होटल, पैलेस या संस्थान में ध्वनि प्रदूषण जैसी कार्रवाई पाई गई तो उनके व आयोजक के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा व उनका संस्थान 1 वर्ष के लिए सील भी किया जा सकता है। इसके अलावा डी.जे. भी जब्त कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी को ध्वनि प्रदूषण संबंधी कोई समस्या आती है तो वे पुुलिस के हैल्पलाइन नंबर 100 या 112 पर भी शिकायत दर्ज करवा सकता है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह गाडिय़ों आदि में किसी तरह का प्रेशर हार्न, अलग- अलग संगीत वाले व किसी तरह का ध्वनि प्रदूषण, शोर, धमक, ज्यादा आवाज पैदा करने वाले हार्न को बजाने पर भी पूर्ण तौर पर पाबंदी होगी। उन्होंने कहा कि सिर्फ सरकार की ओर से निर्धारित किए गए हार्न जो ध्वनि प्रदूषण से रहित हों, ही निर्धारित आवाज में बजाए जा सकते हैं।
जिला मजिस्ट्रेट अपनीत रियात ने बताया कि किसी भी गैर सरकारी ईमारत, व्यापारिक दुकानों, सार्वजनिक स्थानों, सिनेमा, माल्ज, होटल, रेस्टोरेंट व मेलों आदि में ऊंची आवाज व धमक पैदा करने वाले म्यूजिक व अश्लील गीत चलाए जाने पर भी पूर्ण तौर पर पाबंदी है। साइलेंस जोन जैसे कि मंत्रालय, इनवायरमेंट वन, अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों, अदालतों, धार्मिक संस्थाएं या कोई भी क्षेत्र जो कि समर्थ अधिकारी की ओर से साइलेंस जोन घोषित किया गया हो, के 100 मीटर के घेरे में आतिशबाजी, पटाखे, लाउड स्पीकर, प्रैशर हार्न व अन्य शोर पैदा करने वाले यंत्र चलाने व लगाने पर पूर्ण पाबंदी लगाई गई है।
इस तरह विशेष स्थिति व मौके पर प्रबंधक धार्मिक, स्थानों, पंडालों में लाउड स्पीकर व अधिकृत मैरिज पैलेसों में डीजे, आरकेस्ट्रा, संबंधित उप मंडल मजिस्ट्रेट से पंजाब इंस्ट्रूमेंटस(कंट्रोल आफ न्वायस) एक्ट 1956 में दर्ज शतों सहित लिखित मंजूरी के बिना नहीं चलाएंगे।
अपनीत रियात ने कहा कि संबंधित उप मंडल मजिस्ट्रेट से जरुरी मंजूरी लेने के बाद भी माननीय सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार किसी की ओर से भी किसी भी स्थान पर चलाए जा रहे लाउड स्पीकरों, डी.जे, संगीत यंत्र, एड्रेस सिस्टम आदि की आवाज सीमा संबंधित स्थान पर ध्वनि स्टैंडर्ड सीमा निश्चित की गई है, जिसके अंतर्गत औद्योगिक संस्थानों में दिन के समय 75 डी. बी(ए) व रात के समय 70 डी. बी(ए), व्यापारिक क्षेत्र में दिन के समय 65 व रात के समय 55, रिहायशी क्षेत्र में दिन के समय 55 व रात के समय 45 व साइलेंस जोन में दिन के समय 50 डी. बी(ए) व रात के समय 40 डी. बी(ए) से अधिक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिन के समय का मतलब सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक है। यह आदेश सरकारी मशीनरी व इमरजेंसी की स्थिति में लागू नहीं होंगे।