बेमिसाल प्रोजैक्ट : सीवरेज का पानी ट्रीट होकर खेतों की सिंचाई के लिए पहुंचेगा

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होशियारपुर, 16 सितंबर 2021 :  जिला प्रशासन के सहयोग से भूमि व जल सरंक्षण विभाग, होशियारपुर में एक ऐसे बेमिसाल प्रोजैक्ट की शुरुआत करने जा रहा है, जिससे पानी के प्राकृतिकत का दोहन किए बिना किसान उन्नत खेती कर पाएंगे वहीं पानी की भी बचत करेंगे। जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर अपनीत रियात ने बताया कि होशियारपुर के पिपलांवाला में लगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीट(शोधित) होकर पानी इलाके के सात गांवों को सिंचाई के लिए उपलब्ध करवाने के लिए प्रोजैक्ट शुरु किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भूमि व जल सरंक्षण विभाग की ओर से 11.4 करोड़ रुपए की लागत वाले इस प्रोजेक्ट की कुछ ही दिनों में रस्मी शुरुआत हो जाएगी।

डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि विभाग की ओर से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट होशियारपुर से 7 गांवों जिनमें पिपलांवाला, पुरहीरां, बसी दौलत खां, सिंगड़ीवाल, कुरांगना, पंडोरी रुकमण व मड़ूली ब्राह्मणां शामिल हैं कि कृषि योग्य रकबे की सिंचाई के लिए प्रोजैक्ट तैयार कर लिया गया है व जल्द ही जमींदोज नालियों का कार्य शुरु करवा दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि पहले संबंधित गांवों के किसानों की ओर से शहर के गंदे पानी को एस.टी.पी तक पहुंचने से पहले ही फीडिंग पाइप तोड़ कर अपनी फसलों को सिंचाई आदि की जा रही थी, जो कि बहुत बड़ी समस्या थी, क्योंकि इस गंदे पानी से की गई सिंचाई से प्राप्त फसल शारीरिक तौर पर नुकसानदेह है व इसके अलावा कानून एवं व्यवस्था की समस्या पैदा हो रही थी। अब इस समस्या को मुख्य रखते हुए इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीटेड(शोधित) पानी को 7 अलग-अलग गांवों की खेती योग्य जमीन की सिंचाई के लिए प्रोजैक्ट शुरु किया जा रहा है।
अपनीत रियात ने बताया कि इस शोधित (ट्रीटिड)हुए पानी से खेती योग्य रकबे की सिंचाई की जाएगी, जिससे फसलों के झाड़ में भी वृद्धि होगी व बेकार जाते पानी को जमींदोज पाईपों के माध्यम से सिंचाई के अंतर्गत लाने से पानी की बचत के साथ-साथ वातावरण भी साफ रहेगा। उन्होंने बताया कि सीवरेज बोर्ड व नगर निगम होशियारपुर की ओर से संयुक्त तौर पर होशियारपुर शहर के वेस्ट वाटर का सुचारु प्रयोग करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किया गया है, जिसकी कैपेसिटी 30 एम.एल.डी है।

उन्होंने कहा कि भूमि व जल प्राकृतिक संसाधन है, जिनका उत्तम प्रयोग समय की मुख्य जरुरत है। फसल उत्पादन की सफलता इस पर निर्भर करती है कि भूमि व पानी का प्रयोग कितने सुचारु ढंग से किया जाता है। उन्होंने बताया कि भूमि व जल सरंक्षण विभाग के अंतर्गत होशियारपुर मंडल की ओर से पहले ही जिले में अलग-अलग सरकारी योजनाओं के अंतर्गत प्राकृतिक जल ोतों, वेस्ट पानी की संभाल के लिए अलग-अलग विकास कार्य करवाए जा रहे हैं, जो कि प्रशंसनीय है।

भूमि मंडल रक्षा अधिकारी नरेश कुमार गुप्ता ने बताया कि डिप्टी कमिश्नर की ओर से किए गए प्रयासों के चलते इस सिंचाई प्रोजैक्ट के लिए 9.71 करोड़ रुपए के फंड प्राप्त हो चुके हैं व प्रोजैक्ट का कार्य जल्द ही शुरु करवाया जा रहा है जो कि इस विभाग की बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि यह विभाग पहली भी भूमि व जल संरक्षण  संबंधी विकास के अलग-अलग कार्य कर रहा है। जैसे कि वाटर हारवेस्टिंग, रिचार्जिंग स्ट्रक्चर, क्रेट वायर स्ट्रक्चर, रिटेनिंग वाल, जमींदोज नाले व माइक्रो इरीगेशन के माध्यम से सिंचाई के कार्य शामिल है।

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