वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पीयू के छात्रों पर अत्याचार की कड़ी निंदा की, भाजपा को पंजाब की शांति भंग न करने की दी चेतावनी
– पंजाब भाजपा नेताओं को पंजाब विश्वविद्यालय के छात्रों से माफी मांगकर राज्य की भलाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने की चुनौती दी
(Rajinder Kumar) चंडीगढ़, 10 नवंबर 2025: पंजाब के वित्त मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता, एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) के छात्रों पर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा किए गए अत्याचार की कड़े शब्दों में निंदा की। यहाँ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने भाजपा पर पंजाब और पंजाबियों के प्रति नफ़रत रखने और राज्य को फिर से अंधकारमय दौर में धकेलने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सिकंदर की ऐतिहासिक मिसाल देते हुए भाजपा को सख्त चेतावनी दी कि जब भी पंजाब पर हमला हुआ है, पंजाबियों ने हमेशा मुंहतोड़ जवाब दिया है। उन्होंने पंजाब भाजपा नेताओं को चुनौती दी कि वे पंजाब विश्वविद्यालय जाकर छात्रों से माफी मांगें और राज्य की भलाई के प्रति अपनी निष्ठा का प्रमाण दें।
वित्त मंत्री ने कहा कि भाजपा बार-बार पंजाबियों के हितों, अधिकारों और भावनाओं पर हमला कर राज्य के माहौल को खराब करने की साजिशें रच रही है। उन्होंने कहा कि इसकी मिसाल तीन काले कृषि कानूनों को लागू करना है — जिन्हें अंततः पंजाबियों के शांतिपूर्ण विरोध के कारण मोदी सरकार को वापस लेना पड़ा। इसके बाद, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के मुद्दे पर पंजाब के मान-सम्मान को चुनौती दी गई, और अब पंजाब विश्वविद्यालय को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा का असली उद्देश्य राज्य में “खूनी खेल” को दोबारा शुरू करना है। पंजाब गुरुओं और पीरों की धरती है — यहाँ नफ़रत के बीज कभी नहीं पनप सकते।
कैबिनेट मंत्री चीमा ने विश्वविद्यालय के लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करने की भाजपा की कोशिशों का भी विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले सीनेट को समाप्त करने के लिए एक अधिसूचना जारी की, लेकिन व्यापक विरोध के बाद उसे वापस लेना पड़ा। दो साल से अधिक समय से सीनट चुनाव नहीं हुए हैं, और अब भाजपा विश्वविद्यालय में भी अपना कुख्यात “वोट चोरी फार्मूला” लागू करना चाहती है।

‘आप’ नेता ने लम्बे समय से लंबित सीनट चुनावों की तिथि घोषित करने की मांग की और शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर पुलिस लाठीचार्ज की निंदा की। उन्होंने चंडीगढ़ को पंजाब से जोड़ने वाले सभी रास्तों के बंद किए जाने पर कड़ा विरोध जताया और इसे भाजपा द्वारा पंजाब विश्वविद्यालय में हो रहे अमानवीय अत्याचार के विरुद्ध लोगों को रोकने की गैर-लोकतांत्रिक साजिश बताया। उन्होंने पुलिस कार्रवाई के दौरान छात्रों के साथ हुए अपमान, नौजवानों की दस्तार (पगड़ी) की बेअदबी, और छात्राओं की चादरें व कपड़े फाड़े जाने जैसी घटनाओं को शर्मनाक बताया।
हरपाल सिंह चीमा ने देश को पंजाबियों के उस जज़्बे की याद दिलाई कि उन्होंने कभी किसी पर अत्याचार नहीं किया, बल्कि हमेशा दूसरों की मदद के लिए आगे बढ़े हैं — चाहे वह गुजरात में प्राकृतिक आपदाएं रही हों या दुनिया के अन्य हिस्सों में संकट की घड़ी। 1962, 1965, 1971 और इस वर्ष के युद्धों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पंजाबियों ने हमेशा बलिदान दिया है और देश के दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा की केंद्र सरकार पंजाबियों के इन बहुमूल्य योगदानों का बदला ऐसी नफरत से चुकाती रहेगी?
आम आदमी पार्टी की ओर से पंजाब विश्वविद्यालय के छात्रों को अटूट समर्थन देने का वादा करते हुए वरिष्ठ ‘आप’ नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर और मलविंदर सिंह कंग (पूर्व सीनेट सदस्य) पहले ही छात्रों से मुलाकात कर उनका समर्थन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि ‘आप’ किसी भी कीमत पर भाजपा को पंजाब विश्वविद्यालय या राज्य की मुश्किल से अर्जित शांति को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं देगी।
अंत में, हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब भाजपा नेताओं को खुली चुनौती देते हुए पूछा — “क्या वे आत्मसम्मान से काम लेकर पीयू के छात्रों का साथ देंगे, या अपने पदों को बचाने के लिए सिर झुकाए रहेंगे?”
