किसानों पर अत्याचार भाजपा के ताबूत में आख़िरी कील साबित होंगे: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान

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– पटेल की भूमि पर भाजपा द्वारा किसानों पर किए जुल्मों ने पूरे देश को शर्मसार किया: अरविंद केजरीवाल

– मुख्यमंत्री ने राजकोट (गुजरात) में किसान महापंचायत को किया संबोधित

– किसानों और कृषि को बताया देश की रीढ़ की हड्डी

– कहा, भाजपा की किसान-विरोधी नीतियों ने किसानों की परेशानियाँ बढ़ाईं

(Rajinder Kumar) राजकोट (गुजरात)/चंडीगढ़, 31 अक्तूबर 2025: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा किसानों पर किए जा रहे अत्याचार, देश के राजनीतिक परिदृश्य में भगवा पार्टी के अंत की शुरुआत साबित होंगे और यह अत्याचार उनके राजनीतिक ताबूत की आख़िरी कील बनेंगे।

राजकोट में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मान के साथ ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के मेहनतकश और बहादुर किसान भाजपा की तानाशाही प्रवृत्ति को अब बर्दाश्त नहीं करेंगे और उसे करारा जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेताओं ने किसान-विरोधी रवैया अपना लिया है, जो देश के हित में नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के अथक परिश्रम ने देश को अन्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है। उन्होंने उन दिनों को याद किया जब भारत को अन्न संकट का सामना करना पड़ा था और उसे दूसरे देशों से मदद मांगनी पड़ती थी।

अपने संबोधन में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कन्वीनर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म भूमि पर भाजपा द्वारा किए गए अत्याचारों ने पूरे देश को शर्मसार किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा गिरफ्तार किया 85 किसानों के परिवारों को सम्मानित करना चाहती थी, परंतु राज्य सरकार ने इस से इनकार कर दिया है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी इस संकट की घड़ी में देश के किसानों के साथ खड़ी है और उनको रिहा करवाने के लिए कोई कसर शेष नहीं छोड़गी।

भगवंत सिंह मान ने बताया कि आज केवल पंजाब ही ऐसा राज्य है जो राष्ट्रीय खाद्य पूल में 180 लाख मीट्रिक टन धान और 150 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का योगदान करता है। उन्होंने कहा कि भाजपा की किसान-विरोधी नीतियाँ साफ़ तौर पर सामने हैं — उदाहरण के तौर पर, गुजरात सरकार ने असमय वर्षा से तबाह हुई फसलों के लिए किसानों को एक पैसे का मुआवज़ा तक नहीं दिया। इसके विपरीत, पंजाब सरकार ने बाढ़ से नष्ट हुई फसलों के लिए मात्र एक महीने के भीतर किसानों को मुआवज़े के चेक वितरित कर दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में किसानों को प्रति एकड़ 20,000 रुपये मुआवज़े के रूप में दिए जा रहे हैं, जो देश में अब तक की सबसे बड़ी राशि है। उन्होंने कहा कि इस महापंचायत में किसानों की भारी भागीदारी इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भाजपा का पतन आरंभ हो चुका है।

भगवंत मान ने कहा कि भाजपा के घमंडी नेता अपने चहेते उद्योगपतियों को लाभ पहुँचाने के लिए किसानों को निशाना बना रहे हैं, जो किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि भाजपा के ‘अच्छे दिन’ आज भी एक छलावा हैं, लेकिन अब देश में बहुत जल्द ‘सच्चे दिन’ आएँगे — जब देश की जागरूक जनता भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को ऐसी सरकार की आवश्यकता है जो स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार कर सके, जबकि भाजपा सरकार ने जनता को सिर्फ़ अन्याय और दमन दिया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही लोग इन नेताओं को राजनीतिक गुमनामी की ओर धकेल देंगे, और इस किसान महापंचायत में उमड़ी भारी भीड़ इसका प्रमाण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा शासन के दौरान किसानों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि अपने वैध अधिकार माँगने के लिए ही उन्हें अपराधी बना दिया जाता है, जो पूरी तरह अनुचित है। उन्होंने कहा कि केंद्र और गुजरात — दोनों स्थानों पर भाजपा की सरकारें अब अमीर कारोबारियों की कठपुतलियाँ बन चुकी हैं, जिन पर वे लगातार मेहरबान हैं।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि देश की संपत्तियाँ केंद्र सरकार के करीबी पूँजीपतियों को बेहद कम कीमतों पर बेची जा रही हैं, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

कृषि और किसानों को देश की रीढ़ की हड्डी बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए, परंतु अहंकारी भाजपा नेता उन्हें नज़रअंदाज़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियों ने उन किसानों की कठिनाइयाँ और बढ़ा दी हैं जिन्होंने देश को अन्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया। किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार अन्याय, अत्याचार और दमन के विरुद्ध किसानों की इस लड़ाई में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

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