पंजाब में पहली बार पुलिस कर्मियों की संख्या एक लाख के पार होगी

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मुख्यमंत्री पंजाब पुलिस के जांच अधिकारियों के लिए छह दिवसीय प्रमाणित इन्वेस्टिगेटर कोर्स की शुरुआत

कहाराज्य से नशों के पूर्ण उन्मूलन के लिए जनता का सहयोग बेहद आवश्यक

(Rajinder Kumar) पटियाला, 28 अक्टूबर 2025: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज यहां कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था को प्रभावी ढंग से बनाए रखने के लिए पंजाब पुलिस में कर्मियों की संख्या पहली बार एक लाख के आंकड़े को पार करेगी, क्योंकि राज्य सरकार ने एक बड़े पैमाने पर भर्ती अभियान शुरू किया है।

पंजाब पुलिस के जांच अधिकारियों के लिए छह दिवसीय प्रमाणित इन्वेस्टिगेटर कोर्स की शुरुआत के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2000 में पंजाब पुलिस की संख्या 80,000 थी, जो आज भी लगभग उतनी ही है। उन्होंने कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि पंजाब पुलिस को जिन चुनौतियों और समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उनमें कई गुना वृद्धि हुई है, पिछली सरकारों ने इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब पुलिस में कर्मियों की संख्या जल्द ही एक लाख के आंकड़े को पार कर जाएगी, क्योंकि राज्य सरकार पहले ही बड़े स्तर पर भर्ती अभियान चला रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज शुरू की गई इस नई और महत्वपूर्ण पहल के तहत कुल 730 जांच अधिकारी इस छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि एनडीपीएस एक्ट के तहत नशा तस्करों और स्मगलरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने संबंधी विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि नई और उन्नत तकनीकें अपनाने वाले अपराधियों से निपटने के लिए पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जब तस्करों को गिरफ्तार किया जाता था, तो वे अक्सर कानूनी खामियों का फायदा उठाकर सजा से बच निकलते थे। उन्होंने कहा कि पहले राजनीतिक हस्तक्षेप भी काफी अधिक होता था, जिससे तस्करों को रिहा होने में मदद मिलती थी, लेकिन अब इस तरह के किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ निकट समन्वय बनाए हुए है और आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) लागू होने से कई कानूनी प्रक्रियाओं में बदलाव आया है, जिससे यह प्रशिक्षण और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब सबूतों की सुरक्षा और विकसित हो रहे कानूनी ढांचे के साथ अपडेट रहना अधिकारियों की अनिवार्य जिम्मेदारियां हैं, जिसके लिए उन्हें नई तकनीकों से लैस होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भले ही जांच अधिकारी अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाते हैं, लेकिन कई बार आरोपी कानूनी ढील का फायदा उठाकर सजा से बच जाते हैं और दोष पुलिस पर आ जाता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पुलिस को अपराधियों और कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की पूरी छूट दी गई है और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। नशे की बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्होंने कहा कि ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम ने पहले ही नशे की कमर तोड़ दी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशों के खिलाफ इस जंग के लिए बड़ी जनलहर खड़ी करने की आवश्यकता है, जिसके लिए नागरिकों को पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के दिन से ही उनकी सरकार ने पंजाब में पुलिस के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि सीमा पार से नशों की तस्करी के लिए ड्रोन के उपयोग को देखते हुए एक उन्नत एंटी-ड्रोन सिस्टम शुरू किया गया है।

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