सुई-धागे’ की ताकत से अब हर हाथ को मिलेगा पक्का रोज़गार!₹1,600 Cr निवेश से पंजाब में Technical Textile Hub, पंजाब की समृद्धि का धागा मज़बूत

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(Rajinder Kumar) चंडीगढ़, 16 अक्टूबर 2025: मुख्यमंत्री भगवंत मान की निवेश-हितैषी नीतियों का असर अब साफ दिखाई दे रहा है। पंजाब तेजी से उद्योग और रोजगार का नया केंद्र बन चुका है। पिछले ढाई साल में हमारे राज्य में 86,541 करोड़ रुपये का निवेश आया है, जिससे 4 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा हुई हैं। खासकर कपड़ा और परिधान क्षेत्र में 5,754 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जो पंजाब की बढ़ती ताकत को दिखाता है। इसकी सबसे शानदार मिसाल है फतेहगढ़ साहिब के वजीराबाद में सनाथन पॉलीकॉट प्राइवेट लिमिटेड का 1,600 करोड़ रुपये का टेक्निकल टेक्सटाइल हब। यह विशाल कारखाना पंजाब को फिर से ‘भारत का मैनचेस्टर’ बनाने की राह पर ले जा रहा है और हजारों नौजवानों के लिए रोजगार के नए रास्ते खोल रहा है।

यह हब, जो सनाथन टेक्सटाइल्स लिमिटेड की सहायक कंपनी का है, 80 एकड़ जमीन पर बन रहा है। यहाँ खास तरह के धागे जैसे पार्शियली ओरिएंटेड यार्न (POY), फुली ड्रॉन यार्न (FDY) और पॉलीस्टर ग्रेन्यूल्स बनेंगे, जो गाड़ियों, अस्पतालों, खेती, सड़कों और सुरक्षा उपकरणों जैसे खास कपड़ों में इस्तेमाल होंगे। इसका पहला हिस्सा अगस्त 2025 में शुरू हो चुका है, जो अभी हर दिन 350 टन सामान बना रहा है। अगले तीन-चार महीनों में यह 700 टन प्रतिदिन तक पहुंचेगा। मार्च 2026 तक यह पूरी तरह चालू हो जाएगा और 2027-28 में इसका दूसरा हिस्सा तैयार होगा। इससे कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 6 लाख टन सालाना तक हो जाएगी। यह हब दिल्ली, लुधियाना और पानीपत जैसे बड़े बाजारों को तेजी से सामान पहुंचाएगा, क्योंकि यहाँ कच्चा माल जैसे PTA और MEG आसानी से मिलता है। सनाथन टेक्सटाइल्स के चेयरमैन परेश दत्तानी ने कहा कि पंजाब सरकार की पारदर्शी मंजूरी प्रणाली, तेज फैसले और उद्योग के अनुकूल माहौल ने उनके सपनों को हकीकत में बदला है। यह कारखाना पर्यावरण का भी ख्याल रखता है, क्योंकि इसमें कम बिजली और कम प्रदूषण वाली मशीनें लगी हैं। साथ ही, यह आत्मनिर्भर भारत के मिशन को मजबूत करता है, क्योंकि यहाँ बने उत्पाद देश की जरूरतों को पूरा करेंगे और निर्यात भी बढ़ाएंगे।

यह 1,600 करोड़ रुपये का कारखाना, जो कुल 1,850 करोड़ के विस्तार का हिस्सा है, हजारों नौजवानों को नौकरियां देगा। तकनीशियन, मशीन चलाने वाले, ट्रांसपोर्ट और छोटे व्यवसायों में काम करने वालों को मौका मिलेगा। फतेहगढ़ साहिब और आसपास के गाँव-कस्बों में आर्थिक खुशहाली आएगी। यह हब न सिर्फ नौकरियां देगा, बल्कि स्थानीय दुकानों, परिवहन और छोटे उद्योगों को भी बढ़ावा देगा। नीति के तहत कुछ शुरुआती मंजूरियों के लिए 3 दिन में फैसला होता है और बाकी सभी अनुमोदनों के लिए ज्यादा से ज्यादा 45 कार्यदिवस लगते हैं। अगर समय पर फैसला न हो तो मंजूरी अपने आप मिल जाती है। इससे नए कारोबार शुरू करना पहले से बहुत आसान और तेज हो गया है। 125 करोड़ तक के निवेश वाले छोटे कारोबारों को बिना देरी मंजूरी मिल रही है।

सनाथन का यह हब अकेला नहीं है। लुधियाना में शिवा टेक्सफैब्स ने 815 करोड़ रुपये का कारखाना बढ़ाया है। वर्धमान टेक्सटाइल्स और मोंटे कार्लो जैसे बड़े नाम भी पंजाब में काम कर रहे हैं। लुधियाना में पहले से चल रहा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क भी पंजाब को मजबूत कर रहा है। ये सब मिलकर पंजाब को दुनिया के कपड़ा बाजार में ले जाएंगे, जो 2030 तक 350 बिलियन डॉलर का होगा। पंजाब का कपड़ा उद्योग न केवल स्थानीय बल्कि वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए तैयार है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी।

मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने निवेशकों के लिए रास्ते आसान किए हैं। एकल खिड़की व्यवस्था से सभी मंजूरियाँ ज्यादा से ज्यादा 45 कार्यदिवसों में मिल जाती हैं। हलफनामे पर रजिस्ट्रेशन होता है और 22 खास समितियाँ, जिनमें कपड़ा क्षेत्र के लिए 3 अलग समितियाँ (धागा बुनाई, कपड़े और रंगाई), कारोबारियों के साथ मिलकर नीतियाँ बनाती हैं। सरकार 100% SGST वापसी, ब्याज में छूट, स्टांप ड्यूटी माफी और जमीन पर प्राथमिकता दे रही है। पंजाब की शांति, मेहनती मजदूर, अच्छी सड़कें, रेल सुविधाएँ और नजदीकी हवाई अड्डे इसे कारोबार के लिए सबसे अच्छा ठिकाना बनाते हैं।

पंजाब की ग्रीन रेवोल्यूशन की कहानी अब उद्योग की क्रांति में बदल रही है। सनाथन टेक्सटाइल्स ने 2024 में 550 करोड़ के IPO के साथ शेयर बाजार में धमाल मचाया और 2024 में 4,077 करोड़ की कमाई की। जर्मनी और जापान जैसे देशों की कंपनियाँ भी पंजाब की ओर आ रही हैं।

पंजाब अब 1.25 लाख करोड़ के निवेश की ओर बढ़ रहा है। सनाथन का यह हब और बाकी परियोजनाएँ न सिर्फ कपड़ा बनाएंगी, बल्कि हर पंजाबी के सपनों को सुई-धागे की तरह जोड़कर मजबूत भविष्य बनाएंगी। यह केवल कारखाने की कहानी नहीं है, बल्कि हर पंजाबी परिवार की आर्थिक सुरक्षा और गर्व की कहानी है।

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