मुख्यमंत्री ने सुखबीर बादल को चुनौती दी – झूठी उपलब्धियों का बखान करने के बजाय बरगाड़ी कांड और नशे से हुई मौतों की जिम्मेदारी लें

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– कांग्रेस और अकाली दल आपसी मिलीभगत के शिकार

– ड्रग माफिया के सरगनाओं पर नरमी नहीं बरती जा सकती

– चमकौर साहिब के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर को सब-डिवीजनल अस्पताल के रूप में अपग्रेड किया गया

– उभरते खिलाड़ियों को खेल किटें वितरित कीं और स्टेम मोबाइल बस को हरी झंडी दिखाई

(Rajinder Kumar) चमकौर साहिब (रूपनगर), 18 अगस्त 2025: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल को चुनौती देते हुए कहा कि वे झूठी उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटने के बजाय लोगों को स्पष्ट करें कि उनकी सरकार के दौरान बरगाड़ी कांड और नशे के कारण हजारों युवाओं की हुई मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा।

आज यहां चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न विकास परियोजनाओं को जनता को समर्पित करने के बाद संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सुखबीर बादल अक्सर दावा करते हैं कि उनकी सरकार के दौरान बड़े पैमाने पर विकास हुआ, लेकिन जब बरगाड़ी गोलीकांड या नशे की महामारी का मुद्दा उठता है, तो वे चुप्पी साध लेते हैं। उन्होंने कहा कि नशे ने पंजाब के युवाओं की नस्लकुशी की है, जो अकालियों के अराजक वाले लंबे शासन की असली तस्वीर पेश करता है। मान ने तंज कसते हुए कहा, “सत्ता में रहते हुए बादलों ने सिर्फ अपना कारोबार बढ़ाया, जबकि पंजाब और जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। 2007 से 2017 तक का दौर पंजाब का सबसे काला दौर था, जब परिवहन, केबल, रेत, नशा और अन्य माफियाओं का एकाधिकार था।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किसी से छिपा नहीं है कि अकाली शासन के दौरान नशे के सौदागरों को राजनीतिक सरपरस्ती मिली, जिससे पंजाब में नशे का फैलाव हुआ। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन “जरनैलों” पर कोई रहम नहीं करेगी जिन्होंने युवाओं को नशे की आग में झोंक कर पीढ़ी बर्बाद की। मान ने कहा कि ये नेता जहां नशा तस्करों की पैरवी करते थे, वहीं अपने सरकारी वाहनों में नशा सप्लाई भी करते थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गैर-कानूनी तरीकों से दौलत इकट्ठा करने वाले नेता आज जेल में भी सुविधाएं मांग रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नशे के कारण युवाओं के घरों में चिता सजाने वाले किसी भी विशेष सुविधा के हकदार नहीं, क्योंकि वे अपने पापों की सजा भुगत रहे हैं। मान ने कहा कि जांच में सामने आया है कि इन नेताओं ने नशे के कारोबार से भारी संपत्ति अर्जित की है और अब इन्हें सख्त सजा का सामना करना पड़ेगा।

नाभा जेल में बंद एक पूर्व अकाली नेता का समर्थन करने वाले पारंपरिक दलों पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बेहद हैरानी की बात है कि कांग्रेस नेता चरनजीत सिंह चन्नी, प्रताप सिंह बाजवा, सुखपाल सिंह खैहरा, भाजपा नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह और रवनीत सिंह बिट्टू ने खुलेआम उसका पक्ष लिया। उन्होंने कहा कि इससे इन पारंपरिक पार्टियों की मिलीभगत उजागर हुई है। मान ने दोबारा चुनौती देते हुए कहा कि ये नेता पंजाब के लोगों को साफ करें कि वे नशा तस्करों के पक्ष में हैं या खिलाफ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पारंपरिक दलों ने सरकारी खजाने की अंधाधुंध लूट की, जिस कारण पंजाबियों ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, चरनजीत सिंह चन्नी, सुखबीर सिंह बादल, बिक्रम सिंह मजीठिया और कई बड़े नेता चुनाव में हार का सामना कर चुके हैं। अब ये नेता बौखलाहट में सत्ता के लिए छटपटा रहे हैं।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अब तक 55,000 से अधिक सरकारी नौकरियां दे चुकी है और इनमें से किसी भी नियुक्ति को अब तक अदालत में चुनौती नहीं दी गई। यह सरकार के लिए गर्व की बात है कि युवाओं को पूरी योग्यता के आधार पर नौकरियां दी गईं। उन्होंने कहा कि पारदर्शी भर्ती ने युवाओं का विश्वास बढ़ाया है, जिससे उन्होंने विदेश जाने का विचार छोड़कर पंजाब में सरकारी नौकरियों की तैयारी शुरू कर दी है।

मुख्य मंत्री ने कहा कि पंजाब के 90 प्रतिशत घरों को शून्य बिजली बिल मिल रहे हैं, जिससे लोगों को आर्थिक राहत मिली है। किसानों को धान की फसल के लिए निर्बाध बिजली मिल रही है और उन्हें कोई दिक्कत नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हर वर्ग का ख्याल रखा है, जिससे पंजाब तरक्की कर रहा है।

सड़क सुरक्षा बल (एस एस एफ ) का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके गठन के बाद सैकड़ों जानें बचाई गई हैं। सांसद रहते हुए मिले आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में हर साल 5,000 से अधिक सड़क हादसों में मौतें होती थीं। उन्होंने कहा कि एस एस एफ के गठन से ऐसी मौतों में 48 प्रतिशत कमी आई है, जो अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल है। यह फोर्स विशेष रूप से प्रशिक्षित जवानों (महिलाओं सहित) से बनी है और 144 आधुनिक वाहनों से लैस है। इस पहल की सराहना अन्य राज्यों और केंद्र सरकार ने भी की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकारी स्कूलों को “स्कूल ऑफ एमिनेंस” में बदला जा रहा है और यह गर्व की बात है कि पंजाब ने राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे (एन ए एस ) में केरल को पछाड़कर पहला स्थान पाया है। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों के 848 छात्रों ने नीट परीक्षा पास की, 265 छात्रों ने जे ई ई मेन्स और 45 छात्रों ने जे ई ई एडवांस्ड परीक्षा पास की है। मान ने कहा कि कोई भी कार्ड (नीला या पीला) गरीबी या सामाजिक बुराइयों को खत्म नहीं कर सकता, केवल शिक्षा ही ऐसा हथियार है जो लोगों का जीवन स्तर सुधार सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चमकौर साहिब अस्पताल में बिस्तरों की संख्या 30 से बढ़ाकर 50 कर दी गई है और इसे सब-डिवीजनल अस्पताल का दर्जा दे दिया गया है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या 5 से बढ़ाकर 10 की गई है ताकि लोग बेहतर इलाज पा सकें। पहले अस्पताल में केवल 2 मेडिकल ऑफिसर (जनरल) थे, अब 4 होंगे।

उन्होंने कहा कि पहले केवल एक ऑपरेशन थिएटर था, अब दूसरा भी बना दिया गया है। अस्पताल से 5 आम आदमी क्लिनिक और 20 आयुष्मान आरोग्य केंद्र भी जुड़े हैं। आज स्टेम मोबाइल बस को भी हरी झंडी दी गई, जो स्कूलों में जाकर विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित के कॉन्सेप्ट्स को स्पष्ट करेगी।

मान ने कहा कि आधुनिक सुविधाओं से लैस यह बस बच्चों की सीखने में रुचि बढ़ाएगी और 6वीं से 12वीं कक्षा के छात्र विज्ञान व गणित पर इंटरैक्टिव सत्रों में अपनी प्रतिभा दिखा सकेंगे। वे प्रयोग भी कर पाएंगे, जिससे उनमें जिज्ञासा बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने स्टेडियम में उभरते खिलाड़ियों को खेल किटें भी वितरित कीं और मोरिंडा कम्युनिटी हेल्थ सेंटर के नवीनीकरण की शुरुआत की।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह और अन्य भी उपस्थित थे।

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