मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पंजाब विधानसभा ने धार्मिक ग्रंथों के विरुद्ध अपराध की रोकथाम संबंधी विधेयक, 2025 को सर्वसम्मति से सलेक्ट कमेटी के पास भेजा

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– मुख्यमंत्री बोले – यह विधेयक सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसा घिनौना अपराध दोबारा न हो

– बेअदबी के दोषियों के प्रति पूर्ववर्ती सरकारों की अनदेखी की निंदा

(Rajinder Kumar) चंडीगढ़, 15 जुलाई 2025: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में आज पंजाब विधानसभा ने धार्मिक ग्रंथों के विरुद्ध अपराध की रोकथाम विधेयक, 2025 को सर्वसम्मति से विधानसभा की सलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया, ताकि सभी पक्षों के सुझाव प्राप्त किए जा सकें।

पंजाब विधानसभा में इस विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी जगत प्रकाश हैं, जिन्हें पूरी दुनिया श्रद्धा और सम्मान देती है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब संपूर्ण मानवता के लिए शांति और समानता का मार्ग दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाओं से लोगों की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा है, जिसे पंजाब सरकार भली-भांति समझती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ शक्तियों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी कर मानवता के विरुद्ध अत्यंत घिनौना अपराध करने में भी संकोच नहीं किया। उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी मानवता के शाश्वत गुरु हैं और उनकी बेअदबी जैसे कुकृत्य को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि भगवद गीता, कुरान शरीफ, पवित्र बाइबिल और अन्य धार्मिक ग्रंथ भी मानवता को जीवन जीने की राह दिखाते हैं और इन सभी के सम्मान की रक्षा करना हम सबका कर्तव्य है।

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यह विधेयक यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसा कोई अपराध न हो और दोषियों को सख्त से सख्त सज़ा दी जाए। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर विषय है और उन्हें विश्वास है कि कोई भी इस विधेयक का विरोध नहीं करेगा क्योंकि हर श्रद्धालु का शब्द गुरु और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी से गहरा जुड़ाव है।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसी घटनाओं ने हर पंजाबी और विशेषकर हर सिख के मन को गहरी चोट पहुंचाई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन माफ़ी योग्य न होने वाले अपराधों के विरुद्ध सख्त सजा का प्रावधान न होने के कारण ही ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहीं और अब समय आ गया है कि ऐसे दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोषी अक्सर खुद को मानसिक रूप से अस्थिर बता कर सजा से बचते रहे, जो कानून का उपहास है। यह विधेयक ऐसे सभी कानूनी चोर मोरी को बंद करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विधेयक की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि बीते वर्षों में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी और अन्य पवित्र ग्रंथों की बेअदबी से जुड़ी कई घटनाएं पंजाब में घटीं, जिससे जनभावनाएं आहत हुईं और समाज में अशांति फैली।

उन्होंने कहा कि मौजूदा कानूनों में इस अपराध के लिए कड़ी सजा का प्रावधान नहीं है, इसी कारण यह नया कानून दोषियों को आजन्म कारावास जैसी कठोर सजा सुनिश्चित करेगा।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस विधेयक के तहत श्री गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद गीता, पवित्र बाइबिल, कुरान शरीफ और अन्य पवित्र ग्रंथों की बेअदबी करने वालों को उम्रकैद तक की सजा दी जा सकेगी।

उन्होंने कहा कि इस कानून के लागू होने से राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द, भाईचारा, शांति और आपसी सम्मान की भावना और मजबूत होगी और यह विधेयक समाज विरोधी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर कठोर अंकुश के रूप में काम करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विधेयक को पंजाब विधानसभा में प्रस्तुत किया गया है और अब इसे सलेक्ट कमेटी को भेजा जा रहा है ताकि यह और अधिक प्रभावी बन सके। कमेटी समाजिक, धार्मिक और अन्य संस्थाओं से सुझाव लेगी।

उन्होंने अफसोस व्यक्त किया कि बेअदबी की घटनाएं भले 2016 की हों, लेकिन आज तक दोषियों को उनके पापों की सजा नहीं मिली। उन्होंने कहा कि जो लोग गुटका साहिब की सौगंध खाकर सत्ता में आए थे, उन्होंने भी इन दोषियों को बचाने के लिए मामले को कमजोर कर दिया।

पिछली सरकारों की इस विषय पर उदासीनता की आलोचना करते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन्हीं की ढिलाई के कारण ऐसे अक्षम्य अपराध करने वाले लोग आज भी खुलेआम घूम रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि उनकी सरकार इन दोषियों को सजा दिलाने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि जो कोई भी इस अपराध में शामिल पाया जाएगा, उसे दृष्टांत रूप सजा दी जाएगी। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक विधेयक बताते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो और सरकार इस दिशा में पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

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