पंजाब अपने फैसले पर दृढ़-मुख्यमंत्री द्वारा अतिरिक्त पानी छोड़ने से स्पष्ट इनकार, हरियाणा ने अपना कोटा पहले ही पूरा किया

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–  हम पंजाब के पानी पर भाजपा को अपने नापाक इरादों में सफल नहीं होने देंगे: मुख्यमंत्री

– मैं राज्य के पानी का रखवाला हूं और डटकर पहरा दूंगा-मुख्यमंत्री ने प्रतिबद्धता दोहराई

–  पंजाब के पास किसी के साथ साझा करने के लिए एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं

(Krishna Raja) चंडीगढ़, 29 अप्रैल 2025: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि भारतीय जनता पार्टी पंजाब पर हरियाणा को अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे भगवा पार्टी को राज्य के खिलाफ अपने नापाक इरादों में सफल नहीं होने देंगे।

एक बयान में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि हरियाणा और राजस्थान को हर साल 21 मई से 21 मई तक राज्य के पानी में से हिस्सा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने इस साल मार्च महीने में अपने हिस्से का सारा पानी इस्तेमाल कर लिया है, जिस कारण वे अब पंजाब के पानी पर डाका मारकर कुछ और पानी हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। आंकड़ों का हवाला देते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब तक हरियाणा अपने निर्धारित पानी का 103 प्रतिशत पानी इस्तेमाल कर चुका है और अब भाजपा पंजाब पर हरियाणा को और पानी छोड़ने के लिए दबाव डाल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से भाजपा इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) का गैर-कानूनी उपयोग कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनके पहले के राजनेता भाजपा में अपने आकाओं को खुश करने के लिए ऐसी दयालुता दिखाते थे, लेकिन राज्य के पानी के रखवाले होने के नाते वे इसमें कभी भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब ने अपनी नहरों की पानी व्यवस्था को अपग्रेड किया है, जिस कारण अब आने वाले धान के सीजन के मद्देनजर राज्य के किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि पंजाब के पास दूसरे राज्यों के साथ साझा करने के लिए एक बूंद भी पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य ने पहले ही हरियाणा को मानवता के आधार पर 4000 क्यूसेक पानी दिया है ताकि उनकी पीने के पानी की जरूरतों को पूरा किया जा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य में पानी की स्थिति पहले ही बहुत नाजुक है और रणजीत सिंह डैम और पोंग डैम में पानी पहले ही पिछले साल के मुकाबले क्रमशः 39 फुट और 24 फुट कम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर दबाव के आगे झुकने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि उनका सरोकार पंजाब के किसानों से है। उन्होंने कहा कि यह गैर-कानूनी चालें खेलने की बजाय केंद्र सरकार को पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि रद्द करने के बाद चिनाब, झेलम, उझ और अन्य नदियों के पानी को राज्य की ओर मोड़ना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस संधि के रद्द होने से बचाया गया अतिरिक्त पानी धान के सीजन से पहले जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरे उत्तरी क्षेत्र को सप्लाई किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पर गैर-कानूनी दबाव डालने की बजाय हरियाणा सरकार को अपने हिस्से के पानी का सूझ-बूझ से उपयोग करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस मुद्दे पर राजनीति खेलने से गुरेज करना चाहिए क्योंकि पानी राज्य और इसके किसानों की मुख्य जरूरत है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब राष्ट्रीय अनाज भंडार में 185 लाख मीट्रिक टन धान का योगदान देता है और राज्य भाजपा के ऐसे हमलों के आगे नहीं झुकेगा।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने दोहराया कि पंजाब के पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है और किसी को पानी की एक बूंद भी नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश ब्लॉक पहले ही खतरे में हैं और राज्य में भूजल की स्थिति बहुत गंभीर है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि क्योंकि राज्य के ज्यादातर नदी स्रोत सूख गए हैं, इसलिए इसे अपनी सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के लिए और पानी की जरूरत है।

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