सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को लाभ पहुँचाने के लिए 300 से अधिक शिक्षकों/प्रिंसिपलों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजने वाला पहला राज्य बना पंजाब

0

– 500 से अधिक शिक्षकों ने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त किया प्रशिक्षण

(Krishna raja) चंडीगढ़, 8 मार्च 2025: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से 306 प्रिंसिपलों और शिक्षकों को विदेशों में विश्व स्तरीय प्रशिक्षण दिलाकर नया मानक स्थापित किया है।

मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के साथ शनिवार को 36 प्रिंसिपलों के सातवें बैच को हरी झंडी दिखाकर सिंगापुर के लिए रवाना किया। यह बैच प्रिंसिपल अकादमी, सिंगापुर में 9 से 15 मार्च तक प्रशिक्षण प्राप्त करेगा। इससे पहले, पंजाब ने पाँच दिन के लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए 198 प्रिंसिपलों/शिक्षा अधिकारियों के छह बैच सिंगापुर और 72 प्राथमिक स्तर के शिक्षकों को फिनलैंड भेजा था। इसके अलावा, 152 हेडमास्टरों/शिक्षा अधिकारियों के तीन बैच आईआईएम अहमदाबाद भेजे गए हैं।

प्रशिक्षण के दौरान इन शिक्षकों को विदेशों में प्रचलित आधुनिक शिक्षण पद्धतियों के बारे में जागरूक कराया जाता है और वापसी के बाद ये शिक्षक विद्यार्थियों और अपने सहकर्मियों के साथ इन पद्धतियों को साझा करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि विद्यार्थी विदेशी शिक्षा प्रणाली से परिचित हों। यह एक दिशा-निर्देशक पहल है, जो विद्यार्थियों की भलाई के लिए राज्य की संपूर्ण शिक्षा प्रणाली को सशक्त कर रही है। ये शिक्षक वास्तव में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित कर वर्तमान समय में शिक्षा क्षेत्र में बदलाव के वाहक के रूप में कार्य कर रहे हैं। यह पारंपरिक सोच से हटकर उठाया गया कदम है, जो विद्यार्थियों को लाभ पहुँचाकर राज्य की शिक्षा प्रणाली में आवश्यक गुणात्मक परिवर्तन ला रहा है।

यह मुख्यमंत्री की उस सोच के अनुरूप है, जिसमें वे मानते हैं कि शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों की योग्यता और दक्षता सीधे तौर पर उनके विद्यार्थियों की शिक्षा की गुणवत्ता और उनके स्कूलों के प्रदर्शन से झलकती है। स्कूल शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों के विदेशी दौरे ने शैक्षिक संस्थानों में प्रशिक्षण, प्रेरणा और बेहतर शिक्षण तकनीकों का एक संगठित प्रभाव उत्पन्न किया है।

इसका उद्देश्य शिक्षकों, स्कूल प्रमुखों और स्कूल शिक्षा प्रशासकों को सरकारी खर्चे पर स्विट्जरलैंड, सिंगापुर, फिनलैंड जैसे देशों और हार्वर्ड तथा ऑक्सफोर्ड जैसी संस्थाओं में भेजना है, ताकि वे आधुनिक शिक्षण तकनीकों के माध्यम से शिक्षा प्रणाली को अगले स्तर तक ले जा सकें।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *