मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कैबिनेट ने नई आबकारी नीति-2025-26 को दी मंजूरी

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– नई आबकारी नीति में बीते साल की तुलना में 8.61 प्रतिशत की वृद्धि करके 11020 करोड़ रुपए का आबकारी राजस्व इकट्ठा करने का लक्ष्य

– भगवंत मान सरकार के दौरान राज्य में दृढ़ता से बढ़ रहा आबकारी राजस्व

– अकाली सरकार के समय केवल 4405 करोड़ रुपए जबकि कांग्रेस सरकार के समय 6254 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र होता था

(Krishna raja) चंडीगढ़, 27 फरवरी 2025: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति का उद्देश्य वर्ष 2025-26 के दौरान 11020 करोड़ रुपए का आबकारी राजस्व इकट्ठा करना है जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 874.05 करोड़ रुपए (8.61 प्रतिशत) अधिक है। इस बारे में निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उनके सरकारी निवास पर मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिया गया।

इस घोषणा के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि वर्ष 2024-25 की आबकारी नीति के दौरान 10,145 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया था और राज्य सरकार ने अब तक 10,200 करोड़ रुपए का राजस्व इकट्ठा कर लिया है। मौजूदा सरकार के दौरान राज्य के आबकारी राजस्व में दृढ़ता से वृद्धि हो रही है क्योंकि पहली बार आबकारी राजस्व 10,000 करोड़ रुपए को पार कर चुका है। यहां यह उल्लेखनीय है कि अकाली-भाजपा सरकार के अंतिम वर्ष में आबकारी राजस्व केवल 4405 करोड़ रुपए था जबकि पिछली कांग्रेस सरकार के अंतिम वर्ष के दौरान आबकारी से मात्र 6151 करोड़ रुपए का राजस्व इकट्ठा हुआ था।

नई नीति में यह भी व्यवस्था की गई है कि मौजूदा रिटेल कारोबार को संतुलित करने के लिए और बेहतर एवं व्यापक साझेदारी को सुनिश्चित करने का अवसर प्रदान करने के लिए वर्ष 2025-26 के लिए एल-2/एल-14ए रिटेल ठेकों की नई अलॉटमेंट ई-टेंडर के माध्यम से की जाएगी। वर्ष 2024-25 के लिए ग्रुप का आकार 40 करोड़ रखा गया है। अतिरिक्त राजस्व जुटाने और देसी शराब (पंजाब मीडियम लिकर) के कोटे में पिछले साल की तुलना में तीन प्रतिशत की वृद्धि की गई है जिससे देसी शराब का कोटा 8.534 करोड़ प्रूफ लीटर रखा गया है। आबकारी नीति, 2025-26 में देसी शराब की दरों में वृद्धि नहीं की गई। भारतीय सेना और सशस्त्र बलों को राहत देने के लिए उनके थोक लाइसेंस की लाइसेंस फीस 50 प्रतिशत घटा दी गई है जो अब पांच लाख रुपए से घटकर ढाई लाख रुपए रह गई है।

पंजाब में पर्यटन को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए फार्म स्टे के लाइसेंस धारकों को शराब रखने की सीमा 12 क्वार्ट्स (इंडियन मेड फॉरेन लिकर) से बढ़ाकर 36 क्वार्ट्स (आई.एम.एफ.एल.) कर दी गई है। इसके साथ ही बीयर, वाइन, जिन, वोडका, ब्रांडी, रेडी-टू-ड्रिंक और अन्य शराब उत्पाद रखने की सीमा में भी इसी प्रकार से वृद्धि की गई है।

वर्ष 2025-26 में उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव देने के लिए नगर निगम क्षेत्रों में रिटेल लाइसेंसधारकों के लिए प्रत्येक ग्रुप में एक मॉडल दुकान खोलना अनिवार्य बनाया गया है। अल्कोहल की कम मात्रा वाले शराब उत्पाद जैसे बीयर, वाइन, रेडी-टू-ड्रिंक की खपत को प्रोत्साहित करने के लिए स्टैंडअलोन (इकहरी) बीयर शॉप की फीस प्रति शॉप दो लाख रुपये से घटाकर 25000 रुपए प्रति शॉप कर दी गई है। नए निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए पंजाब में नया बॉटलिंग प्लांट स्थापित करने की अनुमति दे दी गई है।

इसी तरह शराब पर लगने वाली गौ भलाई फीस में 50 प्रतिशत वृद्धि करने की अनुमति भी दे दी गई है जिससे अब यह फीस एक रुपए प्रति प्रूफ लीटर से बढ़कर डेढ़ रुपए प्रति प्रूफ लीटर हो गई है। इससे गौ भलाई फीस की उगाही जो अब 16 करोड़ रुपए है, वर्ष 2025-26 में बढ़कर 24 करोड़ रुपए हो जाएगी। प्रवर्तन की मौजूदा संरचना को और मजबूत करने के लिए आने वाले वित्तीय वर्ष में आबकारी पुलिस स्टेशन स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। कारोबार को सरल बनाने को प्रोत्साहित करने के लिए शराब के ब्रांड जहां एक्स-डिस्टिलरी प्राइस (टैक्स और अन्य लागतों से पहले डिस्टिलरी द्वारा थोक विक्रेता को बेची जाने वाली शराब की कीमत) में कोई वृद्धि नहीं की गई है, वहीं आबकारी विभाग के ई-आबकारी पोर्टल के माध्यम से ब्रांडों की ऑटोमैटिक मंजूरी की शुरुआत की गई है।

“पंजाब तीर्थ यात्रा समिति” के गठन को मंजूरी

विभिन्न विभागों के साथ तालमेल करके हवाई, रेल, सड़क आवागमन और अन्य संभावित तरीकों के माध्यम से पंजाबवासियों को आरामदायक तीर्थ यात्रा करवाने के उद्देश्य से कैबिनेट ने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत “पंजाब तीर्थ यात्रा समिति” के गठन को भी सहमति दे दी। उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार ने वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत की थी और रेलगाड़ी/बसों के माध्यम से लगभग 34 हजार श्रद्धालु विभिन्न तीर्थ स्थानों की यात्रा कर चुके हैं। “पंजाब तीर्थ यात्रा समिति” इस योजना के तहत यात्रा प्रबंधों को कुशल एवं सुचारू बनाने का कार्य देखेगी।

सरकारी विभागों और संस्थाओं के लिए डिजिटल हस्ताक्षर उपलब्ध कराने हेतु पी.आई.सी.टी.सी. एकमात्र एजेंसी नामित

कैबिनेट ने पंजाब इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पी.आई.सी.टी.सी.) को सरकारी विभागों और संस्थाओं के लिए डिजिटल हस्ताक्षर उपलब्ध कराने हेतु एकमात्र एजेंसी नामित करने को हरी झंडी दे दी। कॉर्पोरेशन को ‘पंजाब ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट एक्ट, 2019’ की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए आई.टी. और आई.टी.ई.जी. की खरीद के लिए भी नामित किया गया है। इसके अलावा सुशासन विभाग और सूचना प्रौद्योगिकी (जिसे पहले प्रशासनिक सुधार विभाग के रूप में जाना जाता था) और पंजाब इन्फोटेक के बीच जिम्मेदारियों का औपचारिक रूप से विभाजन कर दिया गया है। इन मंजूरियों से शासन और खरीद प्रबंधन में सुधार, डिजिटल परिवर्तन को प्रोत्साहन और जनसाधारण सेवाओं में कार्यकुशलता आने की संभावना है।

जल (संरक्षण और प्रदूषण की रोकथाम) संशोधन अधिनियम, 2024 को अपनाने की सहमति

कैबिनेट ने भारतीय संविधान की धारा 252 के नियम (1), जिसे नियम (2) के साथ पढ़ा जाए, की निरंतरता में भारतीय संसद द्वारा बनाए जल (संरक्षण और प्रदूषण की रोकथाम) संशोधन अधिनियम, 2024 को लागू करने के लिए हरी झंडी दे दी। यह अधिनियम फौजदारी उत्तरदायित्व के स्थान पर वित्तीय जुर्मानों का प्रस्ताव करता है और यह निर्धारित करता है कि इस अधिनियम के अनुपालन न करने पर सक्षम अधिकारी के माध्यम से वित्तीय जुर्माना लगाया जाएगा। जल (संरक्षण और प्रदूषण की रोकथाम) संशोधन अधिनियम, 2024 स्वभावतः प्रगतिशील है। इस कारण पंजाब सरकार द्वारा इसे अपनाया गया है क्योंकि यह छोटे अपराधों को अपराधों की श्रेणी से निकाल कर तार्किक बनाता है, जिससे कारोबार और ठहर को सरल बनाने में मदद मिलेगी।

पंजाब जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) नियम, 2025 में संशोधनों को मंजूरी

पंजाब में जन्म और मृत्यु की पंजीकरण के कार्य को सुचारू बनाने के लिए कैबिनेट ने पंजाब जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) नियम, 2025 में कई संशोधनों को मंजूरी दे दी। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 2023 के रूप में किए गए संशोधन के मद्देनजर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा भेजे जन्म और मृत्यु के मॉडल पंजीकरण (संशोधन) नियम, 2024 के आधार पर पंजाब जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) नियम, 2025 तैयार किया है। इससे इस अधिनियम में एकरूपता आएगी और लोगों को बड़े स्तर पर लाभ होगा।

पंजाब राज्य एन.आर.आईज़. कमीशन की प्रशासनिक रिपोर्ट को मंजूरी

कैबिनेट ने पंजाब राज्य एन.आर.आईज़. कमीशन की वर्ष 2022-23 के लिए ऑडिट रिपोर्ट के साथ-साथ वार्षिक प्रशासनिक रिपोर्ट को भी मंजूरी दे दी।

ओ.एस.डी. (लिटिगेशन) के पद को मंजूरी

कैबिनेट ने कार्मिक विभाग में अधिकारी ऑन स्पेशल ड्यूटी (लिटिगेशन) के अस्थायी पद को कायम रखने को भी मंजूरी दे दी।

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