मुख्यमंत्री ने पंजाब की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में युवाओं को सक्रिय भागीदार बनाने का संकल्प दोहराया

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– कृषि विश्वविद्यालय में युवक मेले में संत राम उदासी की कविता सुना कर श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध

– युवक मेले युवाओं के व्यापक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं: मुख्यमंत्री

– युवाओं को सफलता के बाद भी डटे रहने की नसीहत दी

लुधियाना, 1 दिसंबर 2024: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार युवाओं को पंजाब के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदार बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने लुधियाना के कृषि विश्वविद्यालय में अंतर-क्षेत्रीय युवक मेले के दौरान युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं में हर क्षेत्र में सफलता हासिल करने की क्षमता है और उनकी प्रतिभा का सही उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी और युवा विमान की तरह हैं और राज्य सरकार उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए लॉन्चपैड प्रदान करेगी। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट किया कि जब तक पंजाब के विद्यार्थी अपने निर्धारित लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते, वे चैन से नहीं बैठेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के विचारों को पंख देने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं और इस नेक कार्य के लिए कोई कमी बाकी नहीं छोड़ी जाएंगी। भगवंत सिंह मान ने युवाओं से आग्रह किया कि वे समाज में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए निरंतर प्रयास करें। उन्होंने युवाओं को अपील की कि वे अपनी जीत पर गर्व न करें बल्कि विनम्रता से काम करें और सफलता के लिए सख्त मेहनत करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिए यहां आना गर्व का विषय है क्योंकि वे ऐसे युवक मेले की पैदाइश है। अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि युवक मेले एक व्यक्ति की संपूर्ण व्यक्तित्व को निखारने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि इन मेले ने न केवल उन्हें एक कलाकार के रूप में बल्कि एक राजनेता के रूप में भी सफल होने में मदद की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को समग्र विकास के लिए इन मंचों का उपयोग करना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने बताया कि उन्होंने भी विभिन्न युवा मेलों में प्रदर्शन किया और अपने कॉलेज के लिए ट्रॉफियां जीती। उन्होंने कहा कि जीतना ही उनका एकमात्र जुनून था और वे हमेशा सकारात्मक सोच के साथ जीतने की प्रेरणा रखते थे। मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का आह्वान किया, क्योंकि अंत में प्रदर्शन ही मायने रखता है। भगवंत सिंह मान ने युवाओं को सफलता के बाद भी डटे रहने और कड़ी मेहनत जारी रखने की नसीहत दी, क्योंकि यही सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा कि ये युवक मेले अच्छे इंसान बनने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उनके पिता एक विज्ञान शिक्षक थे और चाहते थे कि वे शैक्षिक क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करें। लेकिन कला और संस्कृति के प्रति जुनून के कारण वे इस क्षेत्र में सफल हुए। उन्होंने युवाओं से पुरानी दोस्ती, रिश्तों और शिक्षकों का आदर करने का आग्रह किया, भले ही वे कितनी भी ऊंचाई पर पहुंचें।

पंजाब को विश्व स्तर पर अग्रणी राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने युवाओं से सक्रिय भूमिका निभाने और राज्य सरकार का समर्थन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पंजाब के युवाओं में अपार ताकत और प्रतिभा है, जिसने हमेशा राज्य को देश में अग्रणी बनाए रखने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि युवा राज्य और समाज के सामाजिक-आर्थिक विकास में सकारात्मक योगदान दें। भगवंत सिंह मान कहा कि पंजाब सरकार राज्य की भलाई और प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है और इस नेक कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती नेता कभी ऐसे कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए क्योंकि वे युवाओं के कल्याण की परवाह नहीं करते थे। लेकिन उनकी सरकार समग्र युवा विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है,जिसके लिए वे बिना समय गंवाए ऐसे समागमों में शामिल हो रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नौजवानों के कल्याण के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है और इसके लिए फंडों की कोई कमी नहीं हैं।

इस अवसर पर छात्रों की मांग पर मुख्यमंत्री ने अपने कॉलेज के साथी और कलाकार करमजीत अनमोल के साथ मंच से प्रसिद्ध पंजाबी कवि संत राम उदासी की कविता “मगदा रही वे सूरजा कमियां दे विहड़े” सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि यह क्रांतिकारी कविता उनके दिल के बहुत करीब है, क्योंकि वे कॉलेज के दिनों में विभिन्न प्रतियोगिताओं में इसे सुनाते थे। अपने पहले के दिनों को याद करते हुए, मुख्यमंत्री ने मंच से दो मिनट तक कविता सुनाई और श्रोताओं को बांधे रखा। इस दौरान उपस्थित छात्रों, शिक्षकों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने मुख्यमंत्री की इस दुर्लभ प्रस्तुति की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

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