मुख्यमंत्री द्वारा मंडियों से धान की लिफ्टिंग युद्ध स्तर पर करने के आदेश
– अधिकारियों को मंडियों में धान की उठाई जल्द से जल्द सुनिश्चित करने के निर्देश
– अनाज की खरीद और लिफ्टिंग में बाधा डालने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा
चंडीगढ़, 21 अक्टूबर 2024 : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज अधिकारियों को राज्य भर की मंडियों में खरीदे जा रहे धान की तेजी से लिफ्टिंग सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।
राज्य में खरीद कार्यों की समीक्षा के लिए हुई उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में धान की उठाई जल्द से जल्द की जानी चाहिए ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के किसानों ने देश को अन्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की अन्न सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमारे अन्नदाताओं ने अपने बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन, पानी और उपजाऊ मिट्टी दांव पर लगा दी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस साल भी राज्य के किसानों द्वारा 185 लाख मीट्रिक टन धान का योगदान राष्ट्रीय भंडार में दिए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि किसानों को मंडियों में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब में धान की निर्बाध खरीद सुनिश्चित करने के लिए गंभीरता से जुटी हुई है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मंडियों में मेहनत से उगाई गई धान की फसल की दुर्गति नहीं होने दी जाएगी और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने धान की खरीद के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं, जिसके तहत राज्य भर में 2651 मंडियों की स्थापना की गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आरबीआई द्वारा सीसीएल के तहत 41,378 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं और किसानों को समय पर भुगतान जारी किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंडियों से धान की लिफ्टिंग युद्ध स्तर पर करने के लिए कदम उठाए जाएं।
इस दौरान बैठक में यह भी बताया गया कि अब तक राज्य की मंडियों में 24.88 लाख मीट्रिक टन की आमद दर्ज की गई है, जिसमें से 22.22 लाख मीट्रिक टन की खरीद की जा चुकी है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा किसानों को भुगतान के लिए पहले ही 4027 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।