भगवान वाल्मीकि जी के दिखाए मार्ग पर चलकर समानता वाले समाज की रचना करेंगे: मुख्यमंत्री

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– भगवान श्री वाल्मीकि तीर्थ स्थल (राम तीर्थ) अमृतसर में हुए नतमस्तक

– राज्य सरकार इस पवित्र धरती को और सुंदर बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी: मुख्यमंत्री

अमृतसर, 17 अक्टूबर 2024 : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार भगवान वाल्मीकि जी के दिखाए मार्ग और उच्च आदर्शों पर चल रही है ताकि समानता वाले समाज की रचना की जा सके।

भगवान श्री वाल्मीकि तीर्थ स्थल (राम तीर्थ) अमृतसर में नतमस्तक होने के बाद सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने दोहराया कि भगवान वाल्मीकि जी संस्कृत भाषा के “पितामह” और विश्व के पहले कवि या आदिकवि थे, जिन्होंने अपनी अमर और महान रचना “रामायण” के माध्यम से बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया। भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि यह महान महाकाव्य सदियों से लोगों को जीवन जीने की शिक्षा देता आ रहा है और लोगों के लिए नैतिक जीवन का प्रकाशस्तंभ रहा है, जो आज के भौतिकवादी युग में और भी अधिक प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी की शिक्षाओं ने आदर्श राज्य या समाज की रचना के लिए आदर्श व्यक्ति, आदर्श शासक और आदर्श नागरिकों के साथ-साथ समाज में समानता पर जोर दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब महान गुरुओं, संतों, पीरों और पैगंबरों की धरती है और यह गर्व की बात है कि भगवान वाल्मीकि जी ने इसी पवित्र भूमि पर भगवान राम जी के पुत्रों लव और कुश को शिक्षा दी थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें इस पवित्र धरती पर नतमस्तक होने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पवित्र स्थल के व्यापक विकास के लिए संसाधन जुटाने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्थल के और सौंदर्यीकरण के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे ताकि भगवान वाल्मीकि जी के जीवन और दर्शन का प्रचार हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के हर वर्ग की भलाई सुनिश्चित करने के लिए भगवान वाल्मीकि जी के पदचिह्नों पर चल रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब में सांप्रदायिक सद्भाव, धार्मिक सौहार्द और शांति को और मजबूत करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पवित्र धरती के सर्वांगीण विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है और इसके लिए हर उपाय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब में सीवर कर्मचारियों के साथ होने वाले अमानवीय व्यवहार को खत्म करने के लिए बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने का फैसला किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने सीवर कर्मचारियों की ड्यूटी को सुचारू रूप से चलाने के लिए नई मशीनरी खरीदी है।

सरकारी नौकरी में ठेका शब्द को खत्म करने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही सफाई कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने के लिए नीति पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए पहले ही एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जा चुका है और जल्द ही इसके लिए व्यवहारिक योजना तैयार की जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह इस बात पर दृढ़ विश्वास रखते हैं कि केवल नेताओं के भाषणों से गरीबी दूर नहीं होगी, बल्कि आम आदमी को सशक्त करने से ही इसे समाप्त किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा ही वह कुंजी है, जो लोगों का जीवन स्तर उठाकर गरीबी से बाहर निकाल सकती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार आम आदमी के सशक्तिकरण के लिए शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि आज सरकारी स्कूलों के छात्र जे.ई.ई. और अन्य प्रतिष्ठित परीक्षाएं पास कर रहे हैं, जिससे उन्हें अपना जीवन स्तर ऊंचा उठाने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि अब तक अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में भेजना आम आदमी की मजबूरी थी, लेकिन छह महीनों के भीतर यह उनका सपना बन जाएगा क्योंकि शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए पूरे राज्य में “स्कूल ऑफ एमिनेंस” स्थापित किए गए हैं और इसी तरह सरकारी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को भी अपग्रेड किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा पहले ही 860 आम आदमी क्लीनिक स्थापित किए जा चुके हैं, जिन्होंने दो करोड़ से अधिक लोगों का इलाज किया है और इनमें से 95 प्रतिशत लोग अब स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि इन क्लीनिकों के माध्यम से लोगों को उनके घरों के पास ही बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन क्लीनिकों ने राज्य में प्रचलित विभिन्न बीमारियों की पहचान करने और उनका प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए एक डेटाबेस तैयार करने में भी सरकार की मदद की है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि “सड़क सुरक्षा फोर्स” (एस.एस.एफ.) का 27 जनवरी, 2024 को जालंधर के पी.ए.पी. परिसर से शुभारंभ किया गया था और इसने अपनी स्थापना के आठ महीनों में सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या को 45.03 प्रतिशत तक कम करने में मदद की है। उन्होंने कहा कि फरवरी से सितंबर 2023 तक राज्य की सड़कों पर दुर्घटनाओं में 1454 लोग मारे गए थे, जबकि इस बल की शुरुआत के बाद फरवरी 2024 से सितंबर 2024 तक 794 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में जान गई। भगवंत सिंह मान ने बताया कि इस दौरान 15309 घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि किसी भी जानमाल के नुकसान की स्थिति में एस.एस.एफ. महज छह से आठ मिनट में मौके पर पहुंच जाती है और यह फोर्स लोगों के लिए ‘जीवन रक्षक’ के रूप में उभर रही है।

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