मुख्यमंत्री की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं के 1000 करोड़ के फंड जानबूझकर जारी न करने के लिए केंद्र सरकार की कड़ी निंदा
– आम आदमी क्लीनिकों को बड़ी सफलता, हर तीसरा पंजाबी ले रहा लाभ: मुख्यमंत्री
– मुख्यमंत्री ने केंद्र पर पंजाब के साथ ‘भेदभाव’ का आरोप लगाते हुए बजट में राज्य की अनदेखी की आलोचना की
– पंजाब पर विशेष ध्यान दे केंद्र; राज्य के लिए विशेष पैकेज की आवश्यकता: भगवंत सिंह मान
चंडीगढ़, 28 जुलाई 2024 : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य के 1000 करोड़ रुपए के फंड रोक रखे हैं ताकि पंजाबियों को मानक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच से वंचित रखा जा सके। राज्य के लिए 58 हाईटेक एंबुलेंसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य को मानक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है पर केंद्र सरकार लगातार साजिशें रच रही है ताकि पंजाबियों को इन सुविधाओं से वंचित रखा जा सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझकर पंजाब सरकार की जन-हितकारी पहलों को विफल करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य के 1000 करोड़ रुपए की ग्रांट जारी नहीं कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बहुत ही निंदनीय कदम है क्योंकि केंद्र सरकार किसी न किसी बहाने गैर-भाजपा सरकारों को परेशान कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी क्लीनिकों ने राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति ला दी है। उन्होंने कहा कि राज्य में 1.75 करोड़ लोग इन क्लीनिकों का लाभ ले चुके हैं और इन क्लीनिकों में आने वाले 95% से अधिक मरीज यहीं से दवा लेकर ठीक हो जाते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि जब से इन क्लीनिकों की शुरुआत हुई है, तब से लोग बड़ी संख्या में यहां दवा लेने आ रहे हैं, जिससे पता चलता है कि राज्य का हर तीसरा व्यक्ति इन क्लीनिकों का लाभ ले रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य के लोगों को 58 एंबुलेंसें समर्पित की गई हैं, जो मुश्किल समय में लोगों की सेवा में हमेशा उपलब्ध रहेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन एंबुलेंसों को शामिल करने से अब कुल 325 एंबुलेंसें जनता की सेवा में उपलब्ध रहेंगी ताकि उन्हें समय पर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि इन अत्याधुनिक एंबुलेंसों के लिए जरूरतमंद मरीजों तक पहुंचने के लिए शहरी क्षेत्रों में 15 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मिनट की समय-सीमा निर्धारित की गई है।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर अफसोस और हैरानी जताई कि देश को आजाद कराने से लेकर अन्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने और देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए दिए गए योगदान के बावजूद केंद्रीय बजट में पंजाब को पूरी तरह अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के साथ किया जा रहा यह सौतेला व्यवहार केंद्र सरकार की राज्य के प्रति खराब मानसिकता को दर्शाता है। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि केंद्र सरकार की इस धक्केशाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पंजाबवासी इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।
मुख्यमंत्री ने पंजाबियों द्वारा हर क्षेत्र में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए राज्य के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की मांग भी दोहराई। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि पंजाब हर क्षेत्र में शानदार प्रगति करे जिससे राज्य की प्रगति और विकास को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। भगवंत सिंह मान ने अफसोस जताया कि वर्तमान समय में अन्य राज्यों को दी गई विशेष कर छूट राज्य के औद्योगिक विकास में बड़ी रुकावट बन रही है क्योंकि इस कारण औद्योगिक इकाइयां अन्य राज्यों की ओर पलायन कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्य के नए राज्यपाल की नियुक्ति का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि सरकार और राज्यपाल के पद, दोनों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पद छोड़ रहे राज्यपाल ने पंजाब सरकार के सुचारू कामकाज में बेवजह रुकावट पैदा करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्यपाल ने बजट सत्र बुलाने की मंजूरी नहीं दी थी और बाद में मंजूरी देने के लिए सत्र को अवैध करार दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में ऐसा होना अनुचित है पर दुर्भाग्य से राज्य में यह सब हो रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी और लोकतंत्र दोनों खतरे में हैं क्योंकि केंद्र सरकार गैर-भाजपा शासित राज्य सरकारों को परेशान करके उन्हें गिराने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है और केंद्रीय एजेंसियों को उनकी आवाज बंद करने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की बैठकें अर्थहीन हैं क्योंकि इनमें राज्यों को अपने मुद्दे उठाने के लिए पर्याप्त समय भी नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि इसी कारण उन्होंने इस बार नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछली बार भी नीति आयोग की बैठक से कुछ भी सार्थक नहीं निकला था, इसलिए इसका बहिष्कार कर राज्य में कोई उपयोगी काम करना ही बेहतर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र का रूप बदल रहा है और पुरानी इमारतों में चल रहे अस्पतालों का जल्द ही आधुनिकीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र को अपग्रेड करने के लिए कई संसाधनों और फंडों का उपयोग किया जा रहा है ताकि लोगों को मानक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि होशियारपुर, संगरूर और कपूरथला में मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं और इस संबंध में काम पूरा करना राज्य सरकार का कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों की नीतियों के कारण विदेश जाने के लिए मजबूर युवक अब वापस अपने देश लौट रहे हैं और राज्य में अपने देश लौटने का रुझान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा केवल दो वर्षों में 43,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान की गई हैं, जो पंजाब के इतिहास में एक बड़ा रिकॉर्ड है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरकारी नौकरियां हासिल करने वाले इन युवाओं में कुछ विदेशों से लौटे युवा भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने एक निजी कंपनी जी.वी.के. पावर से गोइंदवाल पावर प्लांट खरीदकर नया इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कि पहली बार राज्य में यह उलटा रुझान शुरू हुआ है कि सरकार ने कोई निजी पावर प्लांट खरीदा है जबकि पिछली राज्य सरकारें अपनी संपत्तियां अपने चहेतों को कौड़ियों के भाव बेच देती थीं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पछवाड़ा कोयला खदान से निकलने वाले कोयले का उपयोग केवल सरकारी पावर प्लांटों के लिए ही किया जा सकता है, इसलिए इस पावर प्लांट की खरीद के साथ इससे निकलने वाले कोयले से राज्य के हर क्षेत्र को बिजली दी जा सकेगी।