सांसद अरोड़ा द्वारा एनएचएआई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्रयास जारी

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– एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी और अन्य अधिकारियों के साथ किया विचार-विमर्श

लुधियाना, 10 जुलाई, 2024 :  लुधियाना से सांसद (राज्यसभा) संजीव अरोड़ा ने हाल ही में चंडीगढ़ में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के क्षेत्रीय अधिकारी विपनेश शर्मा के साथ बैठक की, जिसमें पंजाब में चल रही सभी एनएचएआई परियोजनाओं पर चर्चा की गई।

बुधवार को यहां यह जानकारी देते हुए अरोड़ा ने कहा कि इस बैठक के दौरान एक महत्वपूर्ण पहलू सामने आया कि एनएचएआई की कई परियोजनाएं भूमि की अनुपलब्धता के कारण अधर में लटकी हुई हैं। राज्य के किसान इन परियोजनाओं के लिए अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं, भले ही इन जमीनों के अधिग्रहण के लिए मुआवजा राशि उनकी मांग के अनुसार बढ़ा दी गई है।

अरोड़ा ने कहा कि उन्हें अवगत कराया गया है कि दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना के पंजाब से गुजरने वाले 400 किलोमीटर हिस्से में से लगभग 100 किलोमीटर लंबे हिस्से के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि इस हिस्से का अधिकांश हिस्सा लुधियाना और गुरदासपुर जिलों में है। परिणामस्वरूप, यह परियोजना अभी भी अधूरी है। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, हरियाणा के किसानों ने इस परियोजना के लिए एनएचएआई को आवश्यक भूमि पहले ही दे दी है।

उन्होंने कहा कि लुधियाना-रोपड़ एक्सप्रेसवे परियोजना भी इसी समस्या का सामना कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप किसानों द्वारा भूमि उपलब्ध न कराए जाने के कारण परियोजना रुकी हुई है।

इसके अलावा, अरोड़ा ने कहा कि एनएचएआई को चंडीगढ़-खरड़ राजमार्ग परियोजना के लिए फतेहगढ़ साहिब जिले में उच्चा पिंड के पास भूमि के कुछ हिस्से को अधिग्रहित करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अब इस मामले को फतेहगढ़ साहिब के उपायुक्त परनीत शेरगिल के समक्ष उठाया है, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही इस मामले में कुछ ठोस कदम उठाएंगे।

उन्होंने कहा कि उन्हें एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी विपनेश शर्मा ने अवगत कराया है कि दक्षिणी लुधियाना बाईपास ग्रीनफील्ड राजमार्ग परियोजना की पुनः निविदा की गई है। अरोड़ा ने कहा कि इस परियोजना की पुनः निविदा के आदेश केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा जारी किए गए थे, जब उन्होंने पिछले महीने दिल्ली में उनसे मुलाकात की थी। इस प्रोजेक्ट में इसलिए भी देरी हो रही है, क्योंकि संबंधित भूमि मालिकों द्वारा एनएचएआई को 20 प्रतिशत जमीन का कब्जा नहीं दिया जा रहा है। इस मामले को डिप्टी कमिश्नर लुधियाना साक्षी साहनी के समक्ष उठाया गया है।

अरोड़ा ने कहा कि एनएचएआई के रीजनल अफसर विपनेश शर्मा के साथ बैठक के दौरान उन्हें बताया गया कि लाडोवाल बाईपास के साथ 21 किलोमीटर लंबे साइकिल ट्रैक के निर्माण के लिए एनएचएआई द्वारा टेंडर जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन की कोई समस्या नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस प्रोजेक्ट पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को एनएचएआई ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया है, क्योंकि इस तरह के प्रोजेक्ट देश में बहुत कम हैं।

इसके अलावा लुधियाना में एलिवेटेड रोड के साथ पार्किंग स्लॉट की परियोजना पर काम चल रहा है, जिसे नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड संभाल रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही कुछ सकारात्मक सामने आएगा।

इस बीच, अरोड़ा ने कहा कि अगर जमीन की अनुपलब्धता के कारण नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट पूरे नहीं हुए तो पंजाब को काफी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि सड़क बुनियादी ढांचा किसी भी राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि प्रभावित भूमि मालिक मध्यस्थता के लिए जा सकते हैं, लेकिन वे एनएचएआई द्वारा बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अपनी जमीन का कब्जा देने से इनकार नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण के मुद्दे को राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा ही संभाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि वह लुधियाना और राज्य के अन्य हिस्सों की बेहतरी के लिए इस मुद्दे को हल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

इसके अलावा, अरोड़ा ने कहा कि सिधवां नहर में चार पुलों के निर्माण का काम नदी के बहते पानी के कारण रुका हुआ है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मामले को जल संसाधन पंजाब के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार के समक्ष उठाया है, जो आने वाले सोमवार तक पानी के गेट बंद करने की तारीख के बारे में फैसला कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सिधवां नहर में पानी कम होते ही ठेकेदार इन चार पुलों पर निर्माण कार्य शुरू कर देगा।

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