साल पहले सीएम की ओर से चन्नी को धमकाने वाले तृप्त बाजवा कैसे बने कैप्टन हटाओ मुहिम के सूत्रधार

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चंडीगढ़, 24 अगस्त 2021 : पिछले साल कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मीडिया में आए थे कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से उनके कैबिनेट सहयोगी तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी, लेकिन अब स्थिति बदल गई है क्योंकि अब वही बाजवा, चन्नी एवं और मंत्रीयों के साथ कैप्टन को हटाने की मुहिम के सूत्रधार बैन गए है ।

एक साल के भीतर ही बाजवा के इस बदलाव ने पार्टी और सरकार दोनों के भीतर कई सवाल खड़े कर दिए हैं । बाजवा उस माझा ब्रिगेड का हिस्सा थे, जिसमें सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुखबिंदर सिंह सुख सरकारिया, ओपी सोनी और अन्य शामिल थे । इसी माझा ब्रिगेड ने पहले कैप्टन को पीपीसीसी प्रमुख और बाद में मुख्यमंत्री के रूप में स्थापित किया । कुछ समय पहले तक वह मुख्यमंत्री के कोर ग्रुप में थे, जब तक कि उन्होंने सरकार में नौकरशाही के प्रभुत्व, बरगड़ी मुद्दे, बेअदबी के मुद्दे और अन्य पर आपत्ति जताते हुए रास्ते अलग कर लिए।

                       

बाजवा को पार्टी के कैडरों में बहुत सम्मान दिया जाता है और उन्हें पार्टी के सभी सहयोगियों का विश्वास प्राप्त है। वह अपना निर्वाचन क्षेत्र फतेहगढ़ चूड़ियां से बटाला में स्थानांतरित करने के इच्छुक थे और पिछले चार वर्षों से नए विधान सभा सीट का पोषण कर रहे थे। जब उनके और सीएम के बीच तनाव बढ़ गया तो कैप्टन ने न केवल बटाला के पूर्व विधायक और बाजवा के कट्टर आलोचक, अश्वनी सेखरी को अकाली दल में शामिल होने से रोका, बल्कि सेखरी को पंजाब सरकार के प्रतिष्ठित निगमों में से एक का अध्यक्ष भी बनाया।

सीएम और बाजवा के बीच अंतिम विवाद तब हुआ जब कैप्टन ने बाजवा के एक करीबी रिश्तेदार को एसएसपी के पद से हटा दिया। बाजवा के भांजे एक पीपीएस अधिकारी है तथा वे कुछ दिन पहले तक एसएसपी होशियारपुर थे, लेकिन पुलिस में हालिया फेरबदल के दौरान उन्हें पीएपी भेज कर खुड्डे लाइन लगा दिया गया । इस से आहट बाजवा अब सीएम पर अंतिम हमला करने के लिए तैयार हैं और सीएम को हटाने के लिए आज की बैठक इसी संदर्भ में देखी जा रही है।

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