( ! ) Warning: sprintf(): Too few arguments in /home/timespunjab.com/public_html/wp-content/themes/covernews/lib/breadcrumb-trail/inc/breadcrumbs.php on line 253
Call Stack
#TimeMemoryFunctionLocation
10.0001358648{main}( ).../index.php:0
20.0002359008require( '/home/timespunjab.com/public_html/wp-blog-header.php' ).../index.php:17
30.393917659584require_once( '/home/timespunjab.com/public_html/wp-includes/template-loader.php' ).../wp-blog-header.php:19
40.402117726688include( '/home/timespunjab.com/public_html/wp-content/themes/covernews/single.php' ).../template-loader.php:106
50.402117726688get_header( ).../single.php:10
60.412417746496locate_template( ).../general-template.php:48
70.412417746608load_template( ).../template.php:745
80.412517747024require_once( '/home/timespunjab.com/public_html/wp-content/themes/covernews/header.php' ).../template.php:810
90.615720997032do_action( ).../header.php:63
100.615720997408WP_Hook->do_action( ).../plugin.php:517
110.615720997408WP_Hook->apply_filters( ).../class-wp-hook.php:348
120.615720998160covernews_get_breadcrumb( ).../class-wp-hook.php:324
130.616020998280covernews_get_breadcrumb_trail( ).../template-functions.php:277
140.616220999408breadcrumb_trail( ).../template-functions.php:316
150.616821003232Breadcrumb_Trail->trail( ).../breadcrumbs.php:43
160.617221005624sprintf ( ).../breadcrumbs.php:253

कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा प्रधान मंत्री के साथ मुलाकात, खेती कानून रद्द करने और मुफ़्त कानूनी सहायता श्रेणी में किसानों को शामिल करने की माँग की

0

नई दिल्ली, 11 अगस्त 2021 : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को विवादित खेती कानून रद्द करने और किसानों को मुफ़्त कानूनी सहायता श्रेणी में शामिल करने के लिए सम्बन्धित कानून में संशोधन करने के लिए तुरंत कदम उठाने की अपील की है।

मुख्यमंत्री ने आज शाम यहाँ प्रधान मंत्री के साथ मुलाकात की और उनको दो अलग -अलग पत्र भी सौंपे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने श्री मोदी को तीन खेती कानूनों का जायज़ा लेकर तुरंत रद्द करने के लिए कहा क्योंकि इन कानूनों के कारण पंजाब और अन्य राज्यों के किसानों में बड़े स्तर पर गुस्सा पाया जा रहा है जो बीते साल 26 नवंबर से दिल्ली की सरहदों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

बीते लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन जिसमें 400 किसानों और खेत कामगारों को अपनी जान गंवानी पड़ी, का ज़िक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संघर्ष का पंजाब और मुल्क के लिए सुरक्षा के लिहाज़ से बड़ा ख़तरा खड़ा होने की संभावना है क्योंकि पाकिस्तान की शह प्राप्त भारत विरोधी ताकतें सरकार के प्रति किसानों की नाराज़गी का नाजायज लाभ उठाने की ताक में हैं।

इस मुद्दे का चिरस्थायी हल ढूँढने के लिए भारत सरकार की तरफ से किसानों की जायज़ चिंताओं का जल्द हल किये जाने के लिए प्रधान मंत्री को दख़ल देने की अपील करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय चल रहा किसान आंदोलन न सिर्फ़ पंजाब में आर्थिक सरगर्मियों को प्रभावित कर रहा है बल्कि इसका सामाजिक ताने -बाने पर भी प्रभाव पड़ने की संभावना है, ख़ास करके उस समय पर जब राजनैतिक पार्टियां और बाकी समूह अपन -अपने स्टैंड पर अड़े हुए हैं।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उन्होंने इससे पहले भी प्रधान मंत्री से पंजाब से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मीटिंग करने के लिए समय देने की माँग की थी। उन्होंने धान की पराली के प्रबंधन के लिए किसानों को 100 रुपए प्रति क्विंटल मुआवज़ा देने और डी.ए.पी. की कमी के अंदेशों का हल करने की भी माँग की क्योंकि खाद की कमी से किसानों की समस्याएँ और खेती कानूनों के कारण पैदा हुआ संकट और गहरा हो सकता है।

एक अन्य पत्र में मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि ज़मीनें बांटे जाने और पट्टे पर ज़मीन लेने वालों और मार्केट ऑपरेटरों और एजेंटों के साथ लगातार विवाद के कारण किसानों को इन दिनों अदालती मामलों का सामना करना पड़ रहा है जिससे उनके पहले ही थोड़े वित्तीय साधनों पर और बोझ पड़ता है। ऐसे अदालती मामलों से किसानों पर पड़ते वित्तीय बोझ को घटाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये मुख्यमंत्री ने उनका इस बात की तरफ ध्यान दिलाया कि केंद्रीय कानूनी सेवाएं अथॉरिटीज़ एक्ट-1987 में कुछ ख़ास श्रेणियों के उन व्यक्तियों को मुफ़्त कानूनी सहायता देने का उपबंध है जो कि समाज के कमज़ोर वर्ग समझे जाते हैं।

किसानों को भी इन्हीं में से ही एक समझते हुए कहा कि किसानों को कई बार वित्तीय समस्याओं के कारण आत्म-हत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ता है, हालाँकि यह वर्ग हौंसला न हारते हुए अपने ज़िंदगी की कीमत पर भी अपनी ज़मीन की काश्त करने को प्राथमिकता देते हैं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इसलिए यह समय की ज़रूरत है कि कानूनी सेवाएं अथॉरिटीज़ एक्ट-1987 के सैक्शन 12 में संशोधन करते हुए इसमें किसानों और खेती कामगारों को भी शामिल किया जाये जिससे वह मुफ़्त कानूनी सेवाएं हासिल करने के हकदार बन कर अपनी रोज़ी -रोटी बचाने के लिए अदालतों में अपना बचाव कर सकें। उन्होंने महसूस किया कि इस कदम से किसानों की आत्महत्याओं के मामले घटेंगे और उनको कानूनी और वित्तीय अधिकारों की बेहतर सुरक्षा को यकीनी बनाया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने प्रधान मंत्री से अपील की कि किसानों के कल्याण से सम्बन्धित केंद्रीय मंत्रालयों को यह सलाह दी जाये कि किसानों के बड़े हितों को देखते हुए कानूनी सेवाएं अथॉरिटीज़ एक्ट-1987 में ज़रूरी संशोधन किया जाएं।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!