रैड्ड क्रास संगरूर का नशा छुड़ाओ केंद्र पीडित नौजवानों के लिए साबित हो रहा है रौशनी मुनारा
पिछले साढ़े चार वर्षों में करीब 5000 नौजवान नशों का त्याग करके जी रहे ने तंदरुस्त जिंदगी – मोहन शर्मा
संगरूर, 25 जून 2021: पंजाब सरकार की नशों विरुद्ध मुहिम बुरी संगत के कारण नशों की गिरफ्त में आए नौजवानों की जिंदगी को बदलने में अहम भूमिका निभा रही है। नौजवान जहाँ नशों से मुक्त हो कर तंदरुस्त जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं वहाँ ही अपने परिवार का सहारा भी बन रहे हैं। जिला संगरूर के रैड्ड क्रास नशा छुड़ाओ केंद्र से इलाज करवाने के उपरांत नशा मुक्त हुए इन नौजवानों के लिए यह केंद्र रौशनी मुनारा साबित हुआ है और यह नौजवान अब दूसरे के लिए मिसाल और प्रेरणा स्रोत भी हैं।
रैड क्रास सोसायटी द्धारा चलाए जा रहे नशा छुड़ाओ केंद्र संगरूर से इलाज करवा कर ठीक हुए, एक नौजवान हरप्रीत सिंह (काल्पनिक नाम)का कहना था कि सरकार द्धारा शुरू की नशा छुड़ाओ मुहिम ने उसे फिर से जिंदगी प्रदान की है। उस ने बताया कि नशों के कारण वह समाज पर परिवार से टूट चुका था। उस ने बताया कि नशों ने जहाँ उस के शरीर को नुक्सान किया वहाँ ही उस के परिवार की आर्थिक हालत भी पतली कर दी थी। उस द्धारा घर का सामान बेच कर भी नशों की पूर्ति की जाती थी। उस नौजवान ने भावुक होते हुए बताया कि जब वह रैड्ड क्रास नशा छुड़ाओ केंद्र में आया तो उसको यहाँ के माहौल और इलाज ने फिर तंदरुस्त जीवन की तरफ मोड़ लाया। ठीक होने के उपरांत उस नौजवान को रोजगार भी मुहैया करवाया गया।
इसी तरह नौजवान जगसीर सिंह (कालपनिक नाम) ने बताया कि वह सफेद की लपेट में आने के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ चुका था। यह नशा छुड़ाओ केंद्र उस की जिंदगी बदलने में बड़ा सहायक हुआ हैं। अब वह हर तरह का नशा छोड़ चुका है और अपनी पढ़ाई को दोबारा शुरू कर चुका है। उस ने बताया कि जो समाज पहले उसे नफरत करता था आज उसे हर तरफ सत्कार मिल रहा है।
प्राजैकट डायरैक्टर श्री मोहन शर्मा ने बताया कि पिछले साढ़े चार वर्षों दौरान करीब 5000 नौजवान इस केंद्र से नशा मुक्त हो कर एक जिम्मेदार नागरिक के तौर और समाज में विचर रहे हैं। उन का कहना है कि नशा छुडाओं के लिए सिर्फ दवा नहीं बल्कि पीडित व्यक्ति की सोच में भी तबदीली लाने की जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि नशा छुडाओं केंद्र में दवा के साथ साथ काउंसलिंग, योगा, धर्म और साहित्य के साथ जोड़ना उन को नशो की दलदल में से बाहर निकालने में सहायक सिद्ध होती है। उन्होंने बताया कि इन नौजवानों को इलाज दौरान कंप्यूटर प्रशिक्षण और मोमबत्तियाँ बनाने की प्रशिक्षण भी दी जाती है।
श्री शर्मा ने बताया कि अकसर नशों के आदी व्यक्तियों की पत्नियाँ उन को छोड़ कर चलीं जातीं हैं। उन्होंने बताया कि पिछले समय दौरान उन की तरफ से ऐसे 10 परिवारों को फिर जोडा गया है जिन में नौजवान नशों का त्याग करके तंदरुस्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पिछले समय दौरान एक नौजवान ने नशा छोड़ने के साथ साथ इस केंद्र में रह कर श्री जपुजी साहब की वाणी का अंग्रेजी में अनुवाद भी किया है।
श्री मोहन शर्मा ने पंजाब सरकार की इस नशा विरोधी मुहिम की श्लाघा करते कहा कि इस के बहुत बेहतर नतीजे सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मजबूत इच्छा शक्ति के साथ नशों को छोड़ा जा सकता है। उन्होंने नौजवानों से अपील की कि यदि कोई नौजवान किसी कारण नशों की दलदल में धँस चुका है तो वह अपने आप को इस में से बाहर निकालने के लिए पंजाब सरकार की नशा विरोधी मुहिम का लाभ जरूर ले।