मुख्यमंत्री द्वारा सी.एम.सी. लुधियाना में अस्पताल-पी.पी.एफ. साझेदारी पहल के साथ 50 बिस्तरों के बच्चों के कोविड केयर वार्ड का वर्चुअल उद्घाटन
लुधियाना , 2 जूनः
कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर के लिए राज्य को तैयार करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को सी.एम.सी. लुधियाना में अस्पताल और पुलिस पब्लिक फाउंडेशन (पी.पी.एफ.) के बीच साझेदारी की पहल के साथ स्थापित किये गए 50 बिस्तरों के बच्चों के कोविड केयर वार्ड का वर्चुअल उद्घाटन किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में जिले में दो आक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए आपसी सहमति का समझौता (एम.ओ.यू.) पर भी हस्ताक्षर हुए जिसके लिए 20 उद्योगों द्वारा 1.2 करोड़ रुपए का दान दिया गया। दो अस्पतालों के साथ उद्योगों द्वारा समझौता करने वाले सी.आई.आई. के पूर्व प्रधान राहुल आहूजा के अनुसार ये दो प्लांट सी.एम.सी. लुधियाना और कृष्णा चैरिटेबल अस्पताल में छह से आठ हफ्तों के अंदर स्थापित होंगे। समझौते के अनुसार 20 प्रतिशत आक्सीजन इलाज के लिए गरीब मरीजों को सब्सिडी पर मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने राज्य के उद्योगों और सिविल सोसायटी के साथ-साथ पुलिस के साथ साझा पहलकदमी को बढ़िया कदम बताते हुए कहा कि महामारी बड़ी चुनौती है और राज्य को बुरी से बुरी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि हालांकि किसी को नहीं पता कि भारत में तीसरी लहर आयेगी या नहीं परन्तु पंजाब किसी भी अन्य संभावित लहर जोकि बच्चों को अधिक प्रभावित कर सकती है, का मुकाबला करने के लिए पुरी तैयारियाँ कर रहा है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उद्योगों से अपील की कि अपने कर्मचारियों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें जिससे उनको और सभी पंजाबियों को बचाया जा सके।
महामारी के विरुद्ध राज्य सरकार की लड़ाई में उद्योगों की अहम भूमिका की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में उद्योग हमेशा ही किसी भी संकट में मदद करने के लिए कदम आगे बढ़ाते हैं। उन्होंने याद करते हुए कहा कि वर्धमान और ओसवाल उद्योगों ने उस समय आॅक्सीजन सप्लाई में मदद की जब कोविड केस अपने चरम पर रोजाना 9500 से अधिक सामने आते थे। उन्होंने कहा कि केस चाहे कि पहली जून को घटकर 2184 पर आ गए हैं परन्तु अभी कुछ पता नहीं कि यह संकट कितना लंबा चलेगा। उन्होंने यह दावा किया कि पंजाब इसमें से बाहर आएगा और फतेह हासिल करेगा।
मुख्यमंत्री ने कोविड वार्ड के लिए पुलिस पब्लिक फाउंडेशन की सराहना की जोकि सी.एम.सी. अस्पताल के साथ किये समझौते के अंतर्गत मैडीकल ढांचे के लिए वित्तीय सहायता मुहैया करवाएगा। अस्पताल ने वार्ड स्थापित करने के लिए जगह, स्टाफ संबंधी सेवाएं, प्रशासनिक और तकनीकी सहायता प्रदान की है, जोकि स्तर 2 की सुविधा है। इस वार्ड के मरीजों को रियायती दरों पर इलाज मुहैया करवाया जायेगा और 20 प्रतिशत बैड गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए आरक्षित रखे गए हैं। वार्ड पूरी तरह कार्यशील है और सभी जरुरी बुनियादी ढांचे जैसे कि मरीजों के बैड, कार्डियक माॅनिटर, आॅक्सीजन कंसंट्रेटर और यू.पी.एस. व्यवस्था के साथ लैस हैं। यह वार्ड समझौते पर दस्तखत होने से एक महीने के अंदर-अंदर मुकम्मल किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब पुलिस ने महामारी के दौरान अपनी ड्यूटी के साथ-साथ आम लोगों तक सेवाएं पहुँचाने के लिए बढ़चढ़ कर योगदान दिया है और भोजन का वितरण और हाल ही में शुरू की गई भोजन हेल्पलाइन समेत बहुत से समाज सेवीं कार्य किये हैं जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि पंजाब में कोई भी भूखा न सोए।
सी.एम.सी. के डायरैक्टर विलियम भट्टी ने इस कठिन समय के दौरान सहायता के लिए लुधियाना के नागरिकों का एक बार फिर से धन्यवाद किया जबकि मुख्य सचिव विनी महाजन ने कहा कि लोगों और उद्योगों के सहयोग के साथ-साथ निजी स्वास्थ्य क्षेत्र के योगदान ने राज्य की कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है। सी.एम.सी. को 14 वैंटीलेटरों की सप्लाई का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्राईवेट अस्पतालों को हर तरह की सहायता प्रदान की है जिन्होंने बदले में सरकार द्वारा रैफर किये गरीब मरीजों का मुफ्त इलाज किया है।
डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब द्वारा महामारी की भविष्यीय लहर से निपटने सम्बन्धी तैयारी के लिए उद्योग और कारोबार के नेताओं को मानक बुनियादी ढांचा बनाने और अस्पतालों की मौजूदा क्षमता बढ़ाने सम्बन्धी की गई अपील के बाद लुधियाना के पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल द्वारा विशेष वार्ड स्थापित करने की पहलकदमी की गई थी। पी.पी.एफ., जोकि रजिस्टर्ड सोसायटी है, के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज सतीजा ने ए.डी.जी.पी. इनफोर्समेंट डायरैक्टोरेट और पी.पी.एफ. के प्रमुख आर.एन. ढोके के साथ मिलकर इस प्रयास का नेतृत्व किया। पी.पी.एफ. सोसायटी को पेश मुश्किलों की पहचान करके पुलिस और लोगों को एकजुट करता है और प्रशासन तथा सिविल सोसायटी के सदस्यों, खासकर प्रमुख उद्योगपतियों दोनों का समर्थन यकीनी बनाकर इन समस्याओं का हल करने में सहायता करता है।