किसानों को धरती निचले पानी के गिर रहे स्तर को बचाने के लिए इस तकनीकी को अपनाने का न्योता
जालंधर, 05 जून
डिप्टी कमिश्नर जालंधर श्री घनश्याम थोरी ने गाँव नुस्सी में धान की सीधी बिजाई के प्रदर्शनी प्लांट का दौरा करते हुए बताया कि इस बार जालंधर में 32000 हैक्टेयर क्षेत्रफल में धान की सीधी बिजाई में लाया जायेगा, जो कि पिछले साल से दोगुना होगा। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि इस तकनीक के साथ 25 प्रतिशत पानी की बचत होती है साथ ही मजदूरों का ख़र्च बच जाता है। उन्होनें बताया कि इस साल ज़िले में 1.71 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में धान की बिजाई की जायेगी, जिसमें से 32000 हैक्टेयर क्षेत्रफल को धान की सीधी बिजाई के नीचे लाया जायेगा।
डिप्टी कमिश्नर ने इस मौके प्रगतिशील किसानों के साथ भी बातचीत की, जो धान की सीधी बिजाई कर रहे है। किसान बलजीत सिंह, ओंकार सिंह और लखविन्दर सिंह ने बताया कि धान की सीधी बिजाई बहुत लाभदायक है ,जिससे उनको 5000 रुपए प्रति एकड़ की बचत हो रही है । इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी डा.सुरिन्दर सिंह ने डिप्टी कमिश्नर को बताया कि ज़िले में 200 किसानों की तरफ से पहले ही डायरैक्ट सीड्स राइस ड्रिल की ख़रीद की जा चुकी है।
इसी तरह उप मंडल नकोदर गौतम जैन की तरफ से भी कृषि विभाग की तरफ से धान की सीधी बिजाई के प्रदर्शनी प्लांट का दौरा किया गया। उन्होनें किसानों से अपील की कि खेती लागत को कम कर अधिक लाभ कमाने के इलावा धरती निचले कीमती पानी को बचाने के लिए इस अति आधुनिक तकनीक को अपनाया जाये।